नवादा एसपी के आदेश पर डीएसपी ने शुरू की जांच, मामला मुखिया के साथ घर से थाने तक अमानवीयता का
अकबरपुर प्रखंड के बुधुआ पंचायत के मुखिया सह पैक्स अध्यक्ष राम स्वरूप यादव को रविवार की देर शाम गिरफ्तार करने पुलिस उनके घर पहुंची। आरोप है कि पुलिस ने उन्हें घर से गिरफ्तारी
एसपी के आदेश पर डीएसपी ने शुरू की जांच, मामला मुखिया के साथ घर से थाने तक अमानवीयता का
नवादा जिले के अकबरपुर थाने की पुलिस ने एक मुखिया के साथ अमानवीयता की सारी हदें लांघते हुए वो सब किया जिसकी इजाजत पुलिस नहीं देता है।
गिरफ्तारी के पीछे की कहानी है कि मुखिया जी ईट भट्ठा चलाते हैं। उनपर करीब ढाई लाख रुपए राजस्व बकाया को लेकर खनन विभाग के द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसी मामले में उनकी गिरफ्तारी की गई थी। मुखिया रामस्वरूप का कहना है कि थानाध्यक्ष द्वारा मामले को दबाने के लिए मोटी रकम की मांग की गई थी।रिश्वत लेकर मामले को दबाना था। दशहरा के वक्त 5 लाख रुपए की मांग की गई थी। रकम देने से इंकार करने पर इस प्रकार की कार्रवाई की गई। घर से गिरफ्तारी के दौरान पत्नी के साथ मारपीट की गई। थाना में उनके साथ अमानवीयता की इंतहा कर दी गई
पानी की जगह पेशाब पिलाया, प्राइवेट पार्ट में डंडे घुसेड़ा, पत्नी के साथ बदसलूकी की, मामला पब्लिक डोमेन में आया तो उन साथी जनप्रतिनिधियों को धमकाया गया जो पीड़ित मुखिया के प्रति हमदर्दी रख रहे थे।
लेकिन, लोकतंत्र में बादशाह समझने की हिमाकत ही पतन का कारक होता है, कुछ ऐसा ही अगले कुछ घंटे में होने वाला है। पीड़ित मुखिया की बातों में अगर दम है तो यह भी तय है कि कोतवाल साहब की दिवाली पूर्व दिवाला निकलने वाला है। उल्टी गिनती शुरू हो गई है। मामला संज्ञान में आने के बाद कप्तान साहब गंभीर हो गए हैं। डिप्टी साहब को जांच का आदेश मिल गया है। रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है। यहां बात हो रही है अकबरपुर थाने और वहां के कोतवाल की। लपेटे में अकबरपुर के थानाध्यक्ष अजय कुमार, सब इंस्पेक्टर राजू पासवान और श्रवण कुमार हैं।
नवादा जिले के अकबरपुर थाने की पुलिस ने एक मुखिया के साथ अमानवीयता की सारी हदें लांघते हुए वो सब किया जिसकी इजाजत पुलिस नहीं देता है।
गिरफ्तारी के पीछे की कहानी है कि मुखिया जी ईट भट्ठा चलाते हैं। उनपर करीब ढाई लाख रुपए राजस्व बकाया को लेकर खनन विभाग के द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसी मामले में उनकी गिरफ्तारी की गई थी। मुखिया रामस्वरूप का कहना है कि थानाध्यक्ष द्वारा मामले को दबाने के लिए मोटी रकम की मांग की गई थी।रिश्वत लेकर मामले को दबाना था। दशहरा के वक्त 5 लाख रुपए की मांग की गई थी। रकम देने से इंकार करने पर इस प्रकार की कार्रवाई की गई। घर से गिरफ्तारी के दौरान पत्नी के साथ मारपीट की गई। थाना में उनके साथ अमानवीयता की इंतहा कर दी गई
पानी की जगह पेशाब पिलाया, प्राइवेट पार्ट में डंडे घुसेड़ा, पत्नी के साथ बदसलूकी की, मामला पब्लिक डोमेन में आया तो उन साथी जनप्रतिनिधियों को धमकाया गया जो पीड़ित मुखिया के प्रति हमदर्दी रख रहे थे।
लेकिन, लोकतंत्र में बादशाह समझने की हिमाकत ही पतन का कारक होता है, कुछ ऐसा ही अगले कुछ घंटे में होने वाला है। पीड़ित मुखिया की बातों में अगर दम है तो यह भी तय है कि कोतवाल साहब की दिवाली पूर्व दिवाला निकलने वाला है। उल्टी गिनती शुरू हो गई है। मामला संज्ञान में आने के बाद कप्तान साहब गंभीर हो गए हैं। डिप्टी साहब को जांच का आदेश मिल गया है। रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है। यहां बात हो रही है अकबरपुर थाने और वहां के कोतवाल की। लपेटे में अकबरपुर के थानाध्यक्ष अजय कुमार, सब इंस्पेक्टर राजू पासवान और श्रवण कुमार हैं।