बिहार के नवादा में कर्ज के बोझ के चलते सामूहिक आत्महत्या मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। परिवार के मुखिया मृतक केदार लाल गुप्ता के भाई शंभू लाल ने नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें सात सूदखोरों को आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक आरोपी टुनटुन सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
आत्महत्या के लिए उकसाने सहित भादवि की विभिन्न धाराओं के साथ ही मनी लांड्रिंग एक्ट 1974 के तहत यह प्राथमिकी दर्ज की गई है।
भाई ने दर्ज कराया मुकदमा
मृतक के भाई ने थाना को दिए फर्द बयान में कहा है कि दिल्ली में रहने वाले भतीजा अमित गुप्ता से जानकारी मिली कि भाई केदार, भाभी अनिता देवी, भतीजा प्रिंस कुमार, भतीजी शबनम, गुड़िया और साक्षी ने मजार के पास जाकर जहर खा लिया है। जिसमें भाभी अनिता और भतीजी शबनम की मौत हो गई है। शेष लोगों को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया है। जानकारी मिलने पर जब अस्पताल पहुंचे, तो देखा कि साक्षी को छोड़ सभी की मौत हो चुकी है। बाद में साक्षी की भी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि 30-32 वर्षों से भाई सपरिवार नवादा में रह रहे थे।
कर्ज बन गया जिंदगी का हिस्सा... रो-रोकर बड़े भाई ने बताया, सामूहिक आत्महत्या से सकते में नवादावासी
एक आरोपी गिरफ्तार
उन्होंने पुलिस को ये भी बताया कि कुछ समय पहले नवादा में भाई से मुलाकात हुई थी। भाई ने बताया था कि न्यू एरिया के मनीष सिंह, बैंक वाले विकास सिंह और विनय सिंह, टुनटुन सिंह, खटाल वाला, डॉ. पंकज सिन्हा और रंजीत सिंह ,सौरभ जी से कर्ज लिया हूं। कर्ज से ज्यादा पैसा उन्हें दे चुका हूं। लेकिन ज्यादा ब्याज बता कर बार-बार पैसे की मांग की जा रही है। वे लोग काफी तंग तबाह कर रहे हैं। खाना पीना भी सही से नहीं हो पा रहा है। मृतक के भाई ने दावा किया है कि सूदखोरों ने उनके भाई को तंग तबाह कर रहे थे। जिसके चलते उन्होंने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर आत्महत्या कर ली।