style="display:block"
data-ad-client="ca-pub-5907511755254582"
data-ad-slot="3974517681"
data-ad-format="auto"
data-full-width-responsive="true">
S Bihar News 12
राजगीर मलमास मेला दो हजार तेईस,राजगीर में मलमास के वक्त, तेंतीस करोड़ देवी-देवता विराजते हैं, जानिए पूरी कहानी
मलमास में सभी शुभ कार्यो पर रोक लगी रहती है।, हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दौरान तेंतीस करोड़ देवी-देवता बिहार के राजगीर में रहते हैं,। मान्यता है कि ,यहां विधि-विधान से भगवान विष्णु
की पूजा करने से ,लोगों को सभी पापों से छुटकारा मिलता है। ,यही कारण है कि ,अधिमास में यहां ब्रह्म कुंड पर साधु-संतों सहित ,पर्यटकों की भारी भीड़ लगी रहती है। ,
तीन वर्षो में एक बार लगने वाले मलमास ,इस वर्ष मलमास के दौरान, राजगीर में एक महीने तक ,विश्व प्रसिद्ध मेला लगता है, जिसमें देशभर के साधु-संत पहुंचते हैं। ,
राजगीर की पंडा बताते है कि, इस एक महीने में राजगीर में काला काग को छोड़कर ,हिंदुओं के सभी 33 करोड़ देवता राजगीर में प्रवास करते हैं।, प्राचीन मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र, राजा बसु द्वारा राजगीर के ब्रह्म कुंड, परिसर में एक यज्ञ का आयोजन कराया गया था,
जिसमें तेतीस करोड़ देवी-देवताओं को ,निमंत्रण दिया गया था ,और वे यहां पधारे भी थे, लेकिन काला काग को ,निमंत्रण नहीं दिया गया था।,
ब्रह्मा ने यहां ,बाइस कुंड और बामन जलधाराओं का, निर्माण किया था।,
इस ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी में, कई युगपुरुष,
संत और महात्माओं ने अपनी तपस्थली और ज्ञानस्थली बनाई है।, इस कारण मलमास के दौरान ,यहां लाखों साधु-संत पधारते हैं। ,मलमास के पहले दिन, हजारों श्रद्घालुओं ने, राजगीर के गर्म कुंड में डुबकी लगाते हैं ,और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं।,
राजगीर कुंड के पुजारी बताते हैं कि ,
मलमास के दौरान राजगीर छोड़कर ,दूसरे स्थान पर पूजा-पाठ करने वाले, लोगों को किसी तरह के ,फल की प्राप्ति नहीं होती है, क्योंकि, सभी देवी-देवता राजगीर में रहते हैं।, उल्लेखनीय है कि ,राजगीर न केवल हिंदुओं के लिए धार्मिक स्थली है, बल्कि बौद्ध और जैन धर्म के,
श्रद्धालुओं के लिए भी पावन स्थल है।,
मलमास मेले में आने वाले ,सैलानियों के स्वागत में, भगवान ब्रह्मा द्वारा ,बसाई गई नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है। ,पर्यटन विभाग से लेकर ,जिला प्रशासन के अधिकारी समेत ,स्थानीय लोग ,आने वाले लोगों को कोई परेशानी नहीं हो ,
इसका खास ख्याल रख रहे हैं।, तकरीबन, तीन साल पर लगने वाले ,इस मेले की प्रतीक्षा, जितनी सैलानियों को होती है, उससे कहीं अधिक, सड़क किनारे व फुटपाथों पर ,लगाने वाले दुकान संचालकों को भी। ,इस वर्ष मलमास मेला में ,सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।,
crossorigin="anonymous">
style="display:block; text-align:center;"
data-ad-layout="in-article"
data-ad-format="fluid"
data-ad-client="ca-pub-5907511755254582"
data-ad-slot="4550916967">