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कहुआरा, नारदीगंज ,नवादा:-आज दिनांक 15/8/2023 दिन मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर

S Bihar News 12
कहुआरा, नारदीगंज ,नवादा:-आज दिनांक 15/8/2023 दिन मंगलवार को स्वतंत्रता  दिवस के अवसर पर 
कहुआरा  पंचायत के सरपंच श्री नागेंद्र कुमार सिन्हा  एवं सभी पंच  सदस्य ,वार्ड सदस्य अन्य गण्य मान्य ब्यक्ति झंडा तोलण में उपस्थित रहे। 
और S BIHAR NEWS 12 के चीफ एडिटर/डायरेक्टर उपस्थित रहे
15 अगस्त 2023 को भारत अपना 76 साल पुरे करके 77 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, इसी दिन हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। यह दिन आजादी के लिए अपना बलिदान देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करने का दिन है। 
आदरणीय अतिथि महोदय, आदरणीय कहुआरा पंचायत के जनता गण एवं हमारे बुजुर्ग अभिभावक और मेरे प्यारे दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते ही है कि आज हम यहाँ पर अपने देश का 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के उपलक्ष में एकत्रित हुए है। सबसे पहले मैं आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देता हूँ 

  15 अगस्त भारतवर्ष का राष्ट्रीय पर्व है। भारत देश वर्ष 1857- वर्ष 1947 तक स्वतंत्रता संग्राम लड़ने के पश्चात ब्रिटिश शासन से 15 अगस्त वर्ष 1947 को मुक्त  हुआ एक स्वतंत्र राष्ट्र बना। तभी से भारतवासी इस दिन को "स्वतंत्रता दिवस" के रूप में बहुत  धूम-धाम और हर्षोउल्लास से मनाते है।स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत तब से हुई जब मंगल पांडे नामक क्रांतिकारी को ब्रिटिश शासन के अंग्रेज अधिकारी ने गोली मारी थी। तभी से सम्पूर्ण भारत देशवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाइ। हमे और हमारे देश को ब्रिटिशों से यह आजादी इतनी आसानी से नहीं मिली है। देश की आजादी पाने के लिए बहुत से क्रांतिकारी सेनानियों ने बलिदान दिया जैसे कि- महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, मंगल पांडे, बाल गंगाधर तीलक, पंडित जवाहरलाल नेहरू, लोक मान्य तीलक, लाला लाजपत राय और खुदीराम बोस आदि । आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए महात्मा गांधी ने सत्याग्रह आंदोलन चलाया और कई बार तो उन्हें जेल भी जाना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। क्योकि उनका एकमात्र लक्ष्य भारत देश को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलाना था और काफी अत्याचार सहने और संघर्ष करने के पश्चात फलस्वरूप वे सफल भी हुए। स्वतंत्रता सेनानिओं के लिए कुछ लाइनें कहना  चाहुँगा -
नमन है उन वीरों को जिन्होंने इस देश को बचाया,
गुलामी की मजबूत बेड़ियों को,
अपने बलिदान के रक्त से पिघलाया,
और भारत माँ को आजाद है कराया।
15 अगस्त वर्ष 1947 को भारत के इतिहास को स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया। इसी दिन देश के आजाद होने पर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर झंडा फहराया था। तभी से प्रत्येक वर्ष देश के प्रधानमंत्री लाल लिखे पर झंडा फहराते है, राष्ट्रगान गाते है और सभी शहीद स्वतंत्रता सेनानियों को 21 तोपों से श्रद्धांजलि दी जाती है। देश के प्रधानमंत्री हर साल देशवासियों को अपने भाषण के द्वारा सम्बोधित करते है और सेना द्वारा अपना शक्ति प्रदर्शन और परेड मार्च करते है। स्वतंत्रता दिवस के दिन सभी भारतवासियों के मन में देशभक्ति की भावना के साथ-साथ पूर्ण जोश रहता है। आजादी के बाद भारत देश अब तक बहुत उन्नति कर चुका है। इस दिन सरकारी छुट्टी होती है। जगह-जगह पर झंडा फहराया जाता है। स्कूलों, कॉलिजों आदि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी छात्र-छात्राएं भाग लेते है और देशभक्ति के गीत गाते है, कोई कविता सुनाता है तो कोई सांस्कृतिक गीतों पर नृत्य करते है।15 August भारत देश के गर्व और सौभाग्य का दिवस है। यह पर्व हमारे हृदय में नवीन स्फूर्ति, नवीन आशा, उत्साह तथा देश-भक्ति का संचार है। स्वतंत्रता दिवस हमे इस बात की याद दिलाता है कि हमने कितनी कुर्बानियाँ देकर यह आजादी प्राप्त की है, जिसकी रक्षा हमे हर कीमत पर करनी है। चाहे हमे इसके लिए अपने प्राणों का त्याग क्यों न करना पड़े। इस प्रकार हम स्वतंत्रता दिवस के पर्व को पूर्ण उत्साह, उमंग और जोश के साथ मनाते है और राष्ट्र की स्वतंत्रता और सार्वभौमिकता की रक्षा का प्रण लेते है। जाते-जाते मैं बस इतना ही कहना चाहूंगा कि -
भूल न जाना भारत माँ के सपूतों का बलिदान,
इस दिन ले लिए जो हुए थे हँसकर कुर्बान,
आजादी की खुशियाँ मनाकर लो शपथ ये कि,
  बनाएंगे देश भारत को और भी महान ।

     जय हिन्द !.......... जय भारत !........

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