1 अक्टूबर 2023 का पंचांग:
तिथि: द्वितिया (09:44 तक)
नक्षत्र: अश्विनी (19:32 तक)
प्रथम करण: गारा (09:44 तक), वणिज (20:39 तक)
पक्ष: कृष्ण
वार: रविवार
योग: व्याघात (13:12 तक)
सूर्योदय: 06:17
सूर्यास्त: 18:03
चंद्रमा: मेष
राहुकाल: 16:35 - 18:03
विक्रमी संवत्: 2080
शक सम्वत्: 1944
मास: आश्विन
आश्विनी, व्याघात योग, और गारा करण के साथ आज का दिन है। अभिजीत मुहूर्त 11:46 से 12:33 तक होगा, और राहुकाल शाम 16:35 से 18:03 तक रहेगा। चंद्रमा मेष राशि में होगा।
पंचांग के पांच अंग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग, और करण, जो समय और काल की सटीक गणना में मदद करते हैं।
तिथि के अनुसार, पूर्णिमा और अमावस्या को पक्ष की अंतिम तिथियाँ कहा जाता है।
नक्षत्र और योग भी पंचांग के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, और इन्हें आध्यात्मिक और आर्थिक गतिविधियों का संचालन करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
करण तिथि के पूर्व और उत्तरार्ध में होते हैं, और इनके आधार पर कार्य की योग्यता और अशुभ या शुभ मान्यता दी जाती है।
पंचांग हिंदू परंपरा में महत्वपूर्ण है और लोग इसका पालन करते हैं ताकि वे शुभ कार्यों को सही समय पर कर सकें।