मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में अपने कार्यकाल में एक बड़ा कदम उठाया है और सरकारी विभागों के निरीक्षण में व्यस्त होने का संकेत दिया है। इन दिनों, उन्हें पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रहे हैं और वे अपने कार्यकाल के दसवें साल में विभिन्न सरकारी विभागों का निरीक्षण कर रहे हैं। यह उनके नये कदम के बारे में एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है क्योंकि वह एक साथ इतने विभागों के निरीक्षण कर एक नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार ने पहले विकास भवन में औचक निरीक्षण किया, जिसे उन्होंने साढ़े नौ बजे किया। इसके बाद, उन्होंने विश्वेश्वरैया भवन का भी निरीक्षण किया। यह इन विभागों के कार्यालयों में हलचल मच गई और कर्मचारी, अधिकारी, और मंत्रियों में हड़कंप देखने को मिला। इस कदम से सियासी गलियारों में हलचल मच गई है और लोग कह रहे हैं कि यह एक नया और उन्नत कदम है जो नीतीश कुमार ने उठाया है।
नीतीश कुमार ने पहले से ही घोषित किया है कि उन्हें हर सप्ताह में तीन दिन साढ़े 9 बजे से सरकारी विभागों के कार्यालयों का निरीक्षण करने का आदान-प्रदान करना है। यह नया कदम उनकी प्रशासनिक नियमितता के प्रति निष्ठा को दर्शाता है और उनकी सरकारी व्यवस्था में सुधार के प्रति उनके समर्थन को दर्शाता है। यह भी देखा गया है कि उन्होंने इसके साथ-साथ लापरवाह अधिकारियों की क्लास लगाने का भी आलंब दिया है, जिससे सामाजिक जनवाद में भी उनकी प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं।
इस कदम के परिणामस्वरूप, लोगों के बीच सीएम नीतीश कुमार की तारीफों में वृद्धि हो रही है और उन्हें एक सशक्त और प्रभावशाली नेता के रूप में देखा जा रहा है। उनके द्वारा आदेशित निरीक्षण के बाद, विभाजन और असंतुलन भी घट रहे हैं, जो सरकारी विभागों में लापरवाही के खिलाफ एक सकारात्मक कदम हैं। इससे नीतीश कुमार की प्रशंसा में वृद्धि हो रही है और लोग उन्हें एक प्रेरणास्त्रोत मान रहे हैं।