बिहार सरकार ने लाखों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दी तोहफा,
समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रस्तुत की गई प्रस्तावना के अनुसार, बिहार में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि होने की संभावना है। इस प्रस्ताव के तहत, लगभग 1.14 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविका और सहायिका के मानदेय में बढ़ोतरी होगी। इसमें समाज कल्याण विभाग ने राज्य मंत्रिपरिषद की मंजूरी के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव को उच्चतम अधिकारियों के समक्ष भेजा है।इस प्रस्ताव से सेविका और सहायिका के मानदेय में 590 से लेकर 650 रुपए तक की वृद्धि का सुझाव है, जिससे इन कर्मचारियों को आर्थिक सहारा मिलेगा। समाज कल्याण विभाग ने इसे मंजूरी प्राप्त करने के लिए राज्य मंत्रिपरिषद की मंजूरी की उम्मीद जताई है और राज्य सरकार इस पर जल्दी निर्णय लेने की योजना बना रही है।
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इस नई सैलरी स्तर के साथ, बिहार में कार्यरत सम्पूर्ण 1.14 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों में 2.15 लाख सेविका और सहायिका सीधे फायदा उठा सकती हैं, जो समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन केंद्रों में सेविका और सहायिका के साथ साथ 25 लाख से अधिक बच्चे भी शिक्षा और पोषण से संबंधित लाभान्वित हो सकते हैं।
इस समय तक, आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका ने पिछले तीन सालों से मानदेय बढ़ाने की मांग की थीं, लेकिन सरकार द्वारा इस पर ध्यान देने में कोई कदम नहीं उठाया गया था। इसके परिणामस्वरूप, चार प्रमुख संगठनों के अधीन आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका ने 29 सितंबर से लगातार आंदोलन किया है ताकि उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाए।
इन संगठनों में बिहार राज्य संयुक्त संघर्ष समिति, बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ, बिहार आंगनबाड़ी संघ एवं बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन शामिल हैं। ये संगठन जिला से लेकर राज्य स्तर तक मानदेय में वृद्धि और श्रम कानून को लेकर अपनी मांगें साझा कर रहे हैं और सरकार से इस पर गंभीरता से नजरअं
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में, सदस्यों ने साझा किया कि वे आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को स्थायी राज्यकर्मी का दर्जा और मानदेय में 10 हजार से अधिक की वृद्धि की मांग कर रहे हैं। सदन में 7 नवंबर को शून्य काल के दौरान सत्यदेव राय ने सेविका और सहायक के मानदेय दोगुना करने के साथ ही पूर्णकालीन का दर्जा देने की मांग की। इस मुद्दे पर कई सदस्यों ने आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका की मानदेय में वृद्धि की आवश्यकता को उठाया, जिसमें रामबली सिंह यादव, सूर्यकांत पासवान, अमित कुमार सिंह आदि शामिल हैं।इसमें गौरतलब है कि आंगनबाड़ी सेविका का मानदेय वर्तमान में 6500 रुपए है और सहायिका का मानदेय 5900 रुपए है। यह संख्याएं उनके मानदेय की कमी को दर्शाती हैं और इसलिए सरकार से इसे बढ़ाने का आग्रह किया जा रहा है।आंगनबाड़ी केंद्रें का महत्व शहर और गाँवों में बच्चों के विकास और मातृ स्वास्थ्य के लिए है, और इसलिए इस प्रस्ताव से सेविका और सहायिका के काम को महत्वपूर्ण बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है। जल्दी ही सरकार की अनुमति के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी, जिससे इन कर्मचारियों को उच्च मानकों में अपना कार्य जारी रखने का समर्थन मिल सके।मदन सहनी, समाज कल्याण विभाग के मंत्री, ने इस प्रस्ताव की जल्दी मंजूरी की उम्मीद जताई है और न्यूज़ के माध्यम से समाज को इस विकल्प के महत्व को समझाया है। इससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नए सैलरी स्तर से जुड़ी आशा है और सरकार की पक्ष से इस पर जल्दी से निर्णय लेने की कड़ी मेहनत हो रही है।