जमुई सिविल कोर्ट के ADJ-4 लक्ष्मीकांत मिश्रा ने सिकंदर खान की हत्या के मामले में उसकी प्रेमिका रेहाना खातून उर्फ गौरी और उनके चाचा मो.इलियास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही दोनों पर 20-20 हजार रुपया का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसकी राशि नहीं देने पर 3-3 माह की अतिरिक्त सजा का निर्णय भी लिया गया है।
मृतक सिकंदर खान के बहनोई आजाद नगर निवासी मोइज खान ने टाउन थाना में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने बताया कि 16 जून 2018 को अमरथ के नया टोला मोहल्ला में सिकंदर खान की बेहद बर्बर हत्या की गई थी। हत्या का आरोप सिकंदर खान की प्रेमिका रेहाना परवीन उर्फ गौरी व उनके चाचा मो. इल्यास सहित और भी 6 लोगों पर लगाया गया था।
जुर्माने की सुनवाई में बचाव पक्ष के वकीलों ने विभिन्न तर्क और साक्ष्य प्रस्तुत किए, जबकि सरकारी अभियोक्ता ने मृतक के खिलाफ गवाहों को पेश किया। इसके पश्चात, ADJ-4 लक्ष्मीकांत मिश्रा ने मृत्युदंड की सजा सुनाई, जिसमें दोषियों को आजीवन कारावास और जुर्माना भी लगाया।
हत्या का मुख्य आरोपी रेहाना खातून उर्फ गौरी और उनके चाचा मो.इलियास के खिलाफ सुनवाई के दौरान, विभिन्न साक्ष्य और गवाहों की प्रस्तुति हुई। इसमें सरकारी अभियोक्ता और उनके वकीलों के बीच मुकाबले के दौरान, अदालत ने दोषियों को दोषी करार देते हुए कठोर सजा सुनाई।
सिकंदर खान की मौत का सुरक्षित रूप से पुराना संगीत सुनने वाले अग्रिमाई नागरिक मो.इलियास को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जो उनके चाचा के रूप में उपस्थित थे। इसके साथ ही रेहाना को भी उसके प्रेम संबंधी के मौत की दलील में दोषी करार दिया गया।
यह घटना बताती है कि सिकंदर खान और रेहाना के बीच प्रेम प्रसंग में आए बातचीत के दौरान उन्हें लोगों ने पकड़कर उनकी बेहद बर्बर हत्या कर दी गई। सूत्रों के अनुसार, घटना की उग्र रूप से साक्षात्कार की गई जानकारी के अनुसार, लोगों ने उन्हें लोहे की रॉड और लाठी डंडे से मारकर उन्हें घर के कमरे में लेकर चले गए और वहां हत्या कर दी गई।
इसके परिणामस्वरूप, न्यायिक प्रक्रिया के दौरान साक्ष्य प्रस्तुत करने वाले गवाहों के बयानों और न्यायिक तर्कों के मध्य में हुए मुकाबले के बावजूद, अदालत ने दोषियों को कठोर सजा सुनाई है। यह मामला बिहार के न्यायिक प्रक्रिया में एक और महत्वपूर्ण निर्णय की ओर कदम बढ़ाता है।