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14 या 15 जनवरी..कब है मकर संक्रांति? जानें शुभ मुहूर्त

 S BIHAR NEWS 12 : के ओर से मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर आप सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं! आशा है कि यह पर्व आपके जीवन में नई ऊर्जा और समृद्धि लेकर आए।

उदयातिथि के अनुसार, मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन सूर्य रात 2 बजकर 54 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे.

 मकर संक्रांति के अवसर पर हम सभी आपको हार्दिक शुभकामनाएं भेजते हैं। यह पारंपरिक हिन्दू त्योहार हमें सूर्य के प्रकाश के साथ मिलकर नए आरंभों की आशा देता है। इस मौके पर, समृद्धि, समाज में एकता और आपसी मेल-जोल की कामना करते हैं। आपके जीवन में सुख, सफलता और खुशियाँ बनी रहें। इस पर्व के इस खास मौके पर हम सभी को एक सुरक्षित और आनंदमय वर्ष की शुरुआत की शुभकामनाएं भेजते हैं!

मकर संक्रांति, जो सूर्य का उत्तरायण होने का पर्व है, एक सामाजिक मिलनसर त्योहार है जो विभिन्न क्षेत्रों में जनता को एक साथ आने का अवसर देता है। यह त्योहार खिल-खिलाए रंग, खासकर उत्तर भारत में, उड़ीसा, झारखंड, बिहार जैसे राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। 

मकर संक्रांति के इस अवसर पर लोग विभिन्न प्रकार के परंपरागत खेती और उत्सवों में शामिल होते हैं, जैसे कि खीचड़ी बनाना, पतंग बाजी, गंगा स्नान इत्यादि। साथ ही, इसे धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, और महाकुम्भ मेला जैसे धार्मिक आयोजनों में लोग श्रद्धा भाव से भाग लेते हैं। 

यह पर्व नए आरंभ की स्नेहपूर्ण भावना और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, जो हमें सूर्य की ऊर्जा के साथ नई ऊर्जा और उत्साह से भर देता है। आप सभी को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!

मकर संक्रांति का आयोजन विभिन्न पर्वों और रीतिरिवाजों के साथ होता है, जो भारतीय सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है। इस दिन के अलावा, लोग पितृ तर्पण, सूर्य दर्शन, दान-धर्म करने आदि के साधने का भी प्रयास करते हैं।

संगीत, नृत्य, और लोक कला के कार्यक्रमों में भारतीय सांस्कृतिक धारा की खासियत होती है। खेतों में उत्सवी रंग-बिरंगे कपड़े पहनना, गीत गाना, और परंपरागत खाद्य बनाना इस मौके को और भी रंगीन बना देता है।

मकर संक्रांति का अर्थ सूर्य का ग्रहण होने का है, जिससे दिन का समय बढ़ने लगता है और हमारे जीवन में नई ऊर्जा आती है। इस पवित्र पर्व के अवसर पर हम सभी एक दूसरे के साथ आत्मिक समृद्धि और समृद्धि की कामना करते हैं। यह एक साझा बंधन का समय है जो हमें समृद्धि और सामूहिक उत्तरदाताओं के साथ जोड़ता है।

आप सभी को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं, खुशियाँ और समृद्धि के साथ!

इस दिन को सामूहिकता और समरसता का प्रतीक माना जाता है, जहां लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियों का आनंद लेते हैं। बच्चे विशेष रूप से पतंग उड़ाने, खीचड़ी बनाने और खेतों में गीत-गाने के साथ मिलते हैं, जिससे एक गर्मागरम और आनंदमयी माहौल बनता है।

इस अवसर पर लोग मिल-जुलकर धार्मिक आराधना भी करते हैं, जैसे गंगा स्नान और सूर्य पूजा, जो एक शुद्ध और आध्यात्मिक माहौल बनाते हैं। यहां तक कि खेतों में पूजा के दौरान किए जाने वाले कार्यों से जुड़ी धार्मिक कथाएं भी सुनाई जाती हैं।

मकर संक्रांति के दिन लोग अपने घरों में खुशियों का आतिथ्य करते हैं और साथ ही दुनिया भर में अपने परिवार और दोस्तों को बधाई संदेश भेजते हैं। यह समझाता है कि समृद्धि और समरसता का सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर ही नहीं, बल्कि समाज के स्तर पर भी महत्व है।

मकर संक्रांति का विशेष महत्व है क्योंकि यह एक होता है जब सूर्य उत्तरायण में होता है, और दिन का समय बढ़ता है, संक्रमण के बाद। इसे "मकर" राशि में होने के कारण भी मकर संक्रांति कहा जाता है। यह पर्व भारतीय पंचांग में एक महत्वपूर्ण सौर मौन का संकेत है।

इसके अलावा, विभिन्न राज्यों में इसे विभिन्न नामों से मनाया जाता है, जैसे खिचड़ी फेस्टिवल, उत्तरायण संक्रांति, पोंगल, लोहड़ी इत्यादि। इस तरह के विभिन्न नाम और रूपों में मनाए जाने से यह दिखता है कि भारतीय सांस्कृतिक विविधता कितनी समृद्धि भरी है।

समुद्री क्षेत्रों में बसे रहने वाले लोग इस दिन को उत्सव के रूप में मनाते हैं और समुद्र जल के साथ खेतों में पूजा करते हैं। इसके लिए उन्हें तिल, गुड़, गाजर, मूँगफली, और अन्य खाद्यान्न उपहार मिलते हैं, जिनसे उनका उत्साह बढ़ता है।

मकर संक्रांति हमें एक नए साल और नए आरंभ की भावना से भर देता है, जो हमें आनंद और समृद्धि की ओर अग्रसर करता है। इस प्रेरणादायक दिन पर आपको और आपके परिवार को ढ़ेर सारी शुभकामनाएं!


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