हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और चंपई सोरेन को झारखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है।
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद, उन्होंने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को सीएम पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। उनके इस्तीफे के बाद, नए सीएम के रूप में चंपई सोरेन को चुना गया है। चंपई सोरेन को जेएमएम और कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया गया है, और उन्हें जल्दी ही राज्यपाल द्वारा शपथ दिलाई जाएगी।
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हेमंत सोरेन |
चंपई सोरेन की चयन में एक और रूचि का पहलुआ है कि वे झारखंड के अच्छूत जनजातियों से संबंधित हैं। इसके बारे में भी उन्हें अच्छूत समुदाय की भलाइयों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण हो सकता है, जिससे वे राज्य के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।
इसके अलावा, ईडी ने जेएमएम और कांग्रेस विधायकों द्वारा राज्यपाल पर केंद्र सरकार के दवाब का आरोप भी लगाया गया है। विधायकों का कहना है कि राज्यपाल ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया है और इससे उन्हें केंद्र सरकार की दबाव में काम करने का आरोप लगाया जा रहा है।
इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक दलों के बीच उत्तेजना बढ़ाई है और राज्य के नागरिकों में उच्च स्तर की दिवार-बाज़ी को उत्तेजित किया है। इसके बारे में बड़े पैम्फलेट और रैलियों के जरिए विभिन्न पक्षों ने अपने दृष्टिकोण को उजागर किया है।
चंपई सोरेन के नेतृत्व में, झारखंड राज्य में नए कदम उठाए जाएंगे और उन्हें राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का जिम्मा मिलेगा। इसके साथ ही, भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की उम्मीद है, जिससे राज्य की जनता को विश्वास मिले और सरकार के प्रति उनका आत्मविश्वास बढ़े।
झारखंड राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में नई राजनीतिक दिशा तय हो सकती है और इसका असर राज्य की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर होगा। चंपई सोरेन की नेतृत्व में नई सरकार की कड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए, राज्य को एक नया दिशा मिल सकता है जो विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में हो सकती है।