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वैशाली में गर्भवती महिला की बेहद दुखद मौत

 बिहार के वैशाली में गर्भवती महिला की बेहद दुखद मौत
आरोपी पूनम देवी
वैशाली, बिहार: एक अत्यंत चौंकाने वाली घटना में वैशाली जिले के एक प्राइवेट अस्पताल में काम करने वाली महिला ने अपने घर पर एक 5 महीने की गर्भवती महिला का अबॉर्शन कर दिया। इस घटना ने नागरिकों में आश्चर्य और आत्मसमर्पण की भावना को उत्तेजित किया है। घटना की रिपोर्ट के अनुसार:

5 महीने की गर्भवती महिला ने अबॉर्शन के लिए प्राइवेट अस्पताल की कर्मचारी पूनम देवी की मदद से अपने घर में ही कोशिश की। अबॉर्शन के दौरान, महिला की स्वास्थ्य स्थिति में गंभीर सुधार नहीं होने के कारण उसने एक स्थानीय ग्रामीण डॉक्टर को बुलाया। डॉक्टर ने कुछ इलाज किया, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद, शाम के करीब 8 बजे, स्थानीय चिकित्सकों ने महिला को आपत्तिक अस्पताल ले जाकर उसे मृत घोषित कर दिया।

महिला की मौत के बाद, पूनम देवी ने आपत्तिक अस्पताल से भागने का प्रयास किया, लेकिन अस्पताल के कर्मचारीयों ने उसे पकड़ लिया और घटना की सूचना नगर थाने को दी। 

आरोपी, पूनम देवी, अनपढ़ होने के बावजूद, प्राइवेट अस्पताल में साफ-सफाई का काम करने वाली थीं। उसने इंजेक्शन लगाना और अबॉर्शन कराना सीखा था, जिसे उसने अपने अस्पताल के कर्मचारियों से सीखा था। पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 

मृतका की पहचान महनार थाना क्षेत्र के लावापुर नारायण निवासी मिथलेश राय की पत्नी जुली देवी के रूप में हुई है। मृतका के परिजनों ने बताया कि उसके पति प्रदेश में मजदूरी का काम कर रहे हैं। 

महिला पांच महीने से गर्भवती थी, और उसके चार बच्चे भी थे, जिसमें एक तीन बेटी और एक बेटा था। इलाज के लिए मदन चौक से दक्षिण प्यासा गली निवासी जामुन राय की पत्नी पूनम देवी को बुलाया गया था। पूनम देवी ने बताया कि वह अबॉर्शन करने के लिए मात्र 1500 रुपए लेती थीं, और इस काम में उन्होंने पिछले 16 सालों से अपना जीवन दी है। उन्होंने बताया कि पहले वह एक निजी अस्पताल में रहकर साफ-सफाई और मरीजों की देखभाल करती थीं, जिसके बाद उन्होंने अपने घर पर ही काम शुरू कर दिया। 

इस घटना ने सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डाला है और स्थानीय अधिकारियों को इस मामले में जांच करने के लिए उत्तरदाताओं की तलाश करने के लिए आगाह किया गया है। 

 इस दुखद घटना ने उजागर किया है कि सुरक्षित गर्भवती देखभाल की महत्वपूर्णता और गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता है। इसके साथ ही, इस प्रकार के गैरकानूनी प्रयासों के खिलाफ सख्ती से कानूनी कदम उठाना आवश्यक है ताकि इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।

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