**नवादा में दरिंदगी का वारदात:**
नवादा में तीन बच्चों के पिता ने युवती से किया रेप, 6 दिन बाद FIR, आरोपित समेत पूरा परिवार फरार
नवादा जिले के रजौली थाना क्षेत्र के एक गांव में एक भीषण घटना सामने आई है, जिसमें एक 22 साल की मूक-बधिर युवती के साथ अत्याचार किया गया। यह घटना 22 फरवरी को हुई, लेकिन इस मामले में छह दिनों के बाद 28 फरवरी को ही एफआईआर दर्ज की गई।
**पीड़िता के परिवार की पीड़ा:**
पीड़िता के परिवार का दर्द अनदेखा नहीं रहा, जिसे उन्होंने बुधवार को पुलिस के सामने रखा। इसके बाद गुरुवार को इस मामले की खबर प्रकाशित हुई।
**आरोपी की पहचान:**
रेप के आरोपी के रूप में गांव का ही 35 वर्षीय मो. नैय्यर उर्फ पप्पू का नाम सामने आया है।
**घटना की विवरण:**
पीड़िता के पिता ने बताया कि उनकी बेटी 22 फरवरी को शाम में अकेली थी, जिसका आरोपी पड़ोस में रहने वाला मो. नैय्यर उर्फ पप्पू है। पप्पू ने बेटी को घर के बगल में स्थित बगीचे में ले जाकर उसके साथ अत्याचार किया।
**पुलिसीय कार्रवाई:**
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कड़ी कार्रवाई की है, लेकिन आरोपी और उसका परिवार गांव छोड़कर फरार हो गए हैं।
**परिवारिक परिस्थितियाँ:**
पीड़िता के पिता ने बताया कि आरोपी गांव का ही है और रिश्ते में उनकी बेटी का भाई लगता है।
**न्यायिक कार्रवाई:**
आदर्शनीय डीएसपी कल्याण आनंद ने बताया कि जानकारी मिलते ही आवेदन के आधार पर रेप की एफआईआर दर्ज की गई है।
**न्यायिक कार्रवाई और समाजिक प्रतिक्रिया:**
आधिकारिक तौर पर, पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कड़ी कार्रवाई की है और उसकी तलाशी की जा रही है। परंतु, आरोपी और उसका परिवार गांव छोड़कर फरार हो गए हैं, जिससे उन्हें पकड़ना कठिन हो रहा है।
समाज में इस घटना के खिलाफ आंदोलन हो रहे हैं और लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने सामाजिक सतह पर एक बड़ी चिंता का माहौल बना दिया है और लोगों में इस पर गहरा आघात पहुंचा है।
इस मामले में न्याय मिलने तक समाज को सतर्क और समर्थ रहना चाहिए और पीड़िता और उसके परिवार का साथ देना चाहिए।
**सुरक्षा और साक्षात्कार:**
प्राधिकरणों को इस घटना को शीघ्रता से देखना चाहिए और पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए। साथ ही, पीड़िता के द्वारा दी जाने वाली तथ्यों का विश्वसनीयता से संज्ञान लिया जाना चाहिए और उसके साथ साक्षात्कार किया जाना चाहिए ताकि उसकी मदद की जा सके और उसका न्याय सिद्ध हो सके।
**शिक्षा और जागरूकता:**
समाज में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए। युवा और बच्चों को अपने अधिकारों के बारे में शिक्षित करना और उन्हें सुरक्षित रहने के तरीकों के बारे में जागरूक करना जरूरी है।
**दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई:**
आरोपी और उसके सहायकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें न्याय मिलना चाहिए। ऐसे अपराधियों को समाज में स्थायी रूप से बाहर किया जाना चाहिए ताकि वे फिर से ऐसे अपराधों को न करें।
इस घटना को लेकर समाज में गहरी चिंता है, और इस पर सक्रिय रूप से कार्रवाई की जानी चाहिए। न्याय मिलने तक, समाज को संगठित रहना और पीड़िता के साथ सिद्ध होने का साथ देना चाहिए।

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