नवादा, बिहार: शिक्षकों की निगरानी जांच में दोषियों को सेवा से हटाने का आदेश
बिहार के नवादा जिले में शिक्षा विभाग की ओर से निगरानी जांच में दोषी पाए गए वैसे शिक्षकों को नौकरी से हटाने का आदेश जारी किया गया है। इन शिक्षकों को दोषी पाए जाने के बाद भी स्कूलों में काम कर रहे थे। शिक्षा विभाग ने अभियुक्त बनाए गए शिक्षकों को सेवा से नहीं हटाने पर नाराजगी जाहिर की है।शिक्षा विभाग ने इन नियोजित शिक्षकों को 15 दिनों के अंदर इनकी सेवा समाप्ति करने का आदेश जारी किया है, और इसकी रिपोर्ट विभाग को भेजने को कहा गया है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजा है।
उन्होंने पत्र में कहा है कि याचिका संख्या 17115/2019 के तहत निगरानी जांच में दोषी पाये गए प्राथमिकी अभियुक्त शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का निर्देश विभाग ने दिया था। जिले में 40 नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्र जांच में निगरानी ने दोषी पाया था, जिसमें से अभी तक 39 शिक्षकों की सेवा विभिन्न नियोजन इकाइयों की ओर से समाप्त की जा चुकी है।
शेष एक शिक्षक की सेवा समाप्ति की कार्रवाई लंबित थी, और हाल ही में उन्हें भी हटा दिया गया है। जिला शिक्षा विभाग के अनुसार, इन शिक्षकों के प्रमाणपत्र निगरानी जांच में संदिग्ध पाए गए थे। जिला शिक्षा विभाग ने इनमें 39 को पहले ही हटा दिया है, जबकि नवादा प्रखंड के बचे एक शिक्षक को प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी ने हाल ही में सेवा से हटा दिया है। निगरानी जांच के दौरान जिले में साल 2015 से 2023 तक विभिन्न थानों में 26 प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसमें 40 नियोजित शिक्षकों को शामिल किया गया था। इन शिक्षकों के प्रमाणपत्र निगरानी जांच में संदिग्ध पाए गए थे।
इस घटना ने शिक्षा विभाग की कड़ी कार्रवाई का परिचय दिया है, जो दोषियों के खिलाफ नकली और अनुचित कार्यवाही के खिलाफ निरंतर लडरही है। इसके अलावा, इस घटना ने स्थानीय प्रशासन के संबंध में भी सख्ती का संदेश दिया है। निगरानी और जांच की प्रक्रिया में सुधार के लिए भी विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि ऐसी स्थितियों का पुनरावलोकन किया जा सके और शिक्षा क्षेत्र में सच्चाई और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए सही कदम उठाए जा सकें।