सिविल सर्जन कार्यालय पर एएनएम का रोषपूर्ण प्रदर्शन: अनिश्चितकालीन हड़ताल से कामकाज प्रभावित।
प्रदर्शन के मुख्य कारण एवं मांगें:
1. एफआरएस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन का आदेश: बिहार सरकार द्वारा एफआरएस (फ्रंटलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम) पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने का आदेश जारी किया गया है, जिसके विरोध में एएनएम प्रदर्शन कर रही हैं। एएनएम का कहना है कि इस पोर्टल के जरिए उनकी अटेंडेंस बनाई जाएगी, जो कि उन्हें अस्वीकार्य है।
2. समान काम के लिए समान वेतन : एएनएम ने समान काम के लिए समान वेतन की मांग की है। उनका कहना है कि वे संविदा के आधार पर एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के तहत काम कर रही हैं और उनका वेतन बहुत कम है।
हड़ताल के प्रभाव:
एएनएम के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से नवादा जिले में बच्चों को दिए जाने वाले टीकाकरण सहित कई महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित होने की संभावना है। एएनएम के भरोसे ही पूरे बिहार में टीकाकरण जैसे महत्वपूर्ण अभियान चलाए जाते हैं। हड़ताल के कारण नवादा जिले में स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर पड़ रहा है।
एएनएम की मांगें एवं मुद्दे:
अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर एएनएम ने स्वास्थ्य समिति बिहार के कार्यपाल निदेशक, जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को लिखित आवेदन देकर सूचित किया है। आवेदन में निम्नलिखित मुद्दों को उठाया गया है:
- एफआरएस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और अटेंडेंस बनाने का आदेश रद्द किया जाए।
- समान काम के लिए समान वेतन दिया जाए।
- संविदा आधारित एएनएम के वेतन में वृद्धि की जाए।
प्रदर्शन के दौरान उपस्थित एएनएम:
मौके पर कुमारी रोहिणी, रिना कुमारी, दीपमाला सिन्हा, सोनाली कुमारी, स्वीटी कुमारी, डेजी कुमारी, अन्नू देवी, सोनी कुमारी, उषा कुमारी तथा सुहानी सिन्हा सहित दर्जनों एएनएम मौजूद थीं। इन एएनएम ने एकजुट होकर अपनी मांगों को जोरदार तरीके से उठाया और प्रदर्शन किया।
स्वास्थ्य विभाग का बयान:
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एएनएम की मांगों को गंभीरता से लिया जा रहा है और उनके समाधान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि एफआरएस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन का आदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से किया गया है।
प्रभावित सेवाएं:
हड़ताल के चलते नवादा जिले में कई स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो गई हैं। विशेष रूप से टीकाकरण कार्यक्रम, गर्भवती महिलाओं की जांच, नवजात शिशुओं की देखभाल, और अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। एएनएम की हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सबसे अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
आंदोलन का विस्तार:
संविदा आधारित एएनएम का यह आंदोलन केवल नवादा तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे बिहार में यह आंदोलन फैल रहा है। अन्य जिलों में भी एएनएम ने अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन और हड़ताल शुरू कर दी है। राज्य संघ के निर्णय के अनुसार, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।
एएनएम का संकल्प:
एएनएम ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे हड़ताल जारी रखेंगी। उनका कहना है कि वे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही हैं।
एएनएम का यह आंदोलन नवादा और पूरे बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर रहा है। सरकार को जल्द ही इस मुद्दे का समाधान निकालना होगा ताकि स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य हो सकें और एएनएम की मांगों को उचित तरीके से पूरा किया जा सके। एएनएम के इस आंदोलन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने अधिकारों और मांगों के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं और सरकार को उनके साथ न्याय करना होगा।
एएनएम के अगले कदम:
एएनएम ने घोषणा की है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तो वे राज्यभर में बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगी। इसके लिए उन्होंने अन्य जिलों की एएनएम से भी संपर्क साधा है और उनके समर्थन के लिए आह्वान किया है।
इस प्रकार, एएनएम का यह आंदोलन नवादा में स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित कर रहा है और सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। सरकार को जल्द ही इस मुद्दे का समाधान निकालना होगा ताकि स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य हो सकें और एएनएम को उनके अधिकार मिल सकें।