सहरसा के उचित नगर नरियार स्थित सरकारी स्कूल में मां-बेटी की हत्या: घटना की दर्दनाक दास्तान।
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मृतक नैना कुमारी की फाइल फोटो |
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मृतक सरिता देवी की फाइल फोटो |
रविवार दिनांक 18/8/2024 की सुबह जब रिंकू देवी अपनी बेटी नैना के साथ फूल तोड़ने निकली, तो किसी ने इस निर्दयी वारदात को अंजाम दिया। मां और बेटी की लाशें उचित सिंह प्राथमिक मध्य विद्यालय के प्रांगण में संदिग्ध अवस्था में मिलीं। घटना की जानकारी तब सामने आई, जब रिंकू देवी के बेटे को रास्ते में किसी अज्ञात व्यक्ति ने बताया कि उसकी मां और बहन की लाश स्कूल में पड़ी है। वह तुरंत अपने चाचा और चाची को लेकर वहां पहुंचा और पुलिस को सूचना दी।
**शवों की स्थिति और प्रथम दृष्टया जांच**
जब स्थानीय लोग और पुलिस मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि दोनों के शरीर पर चाकू के कई घाव थे, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उनकी हत्या क्रूरता से की गई है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। साथ ही, फॉरेंसिक टीम को जांच के लिए बुलाया गया, जिसने घटना स्थल से सबूत इकट्ठा किए। SDPO आलोक कुमार और साइबर DSP अजीत कुमार ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
**परिवार का बयान**
मृतक महिला की देवरानी मीना देवी ने बताया कि रिंकू देवी और उनकी बेटी नैना रोजाना सुबह फूल तोड़ने जाया करती थीं। जब उनके बेटे ने आकर यह खबर दी कि उनकी मां और बहन की लाश स्कूल में पड़ी है, तो वे तुरंत वहां पहुंचे और खून से लथपथ लाशें देखीं। यह नजारा देखकर पूरे परिवार में मातम पसर गया। देवर मनोहर पोद्दार ने बताया कि उनकी भाभी रिंकू देवी रोज सुबह खेत में जाकर फूल तोड़ती थीं और रविवार को भी वे अपनी बेटी के साथ इसी काम के लिए निकली थीं। जब काफी देर तक वे घर नहीं लौटीं, तो परिवार वालों को चिंता होने लगी। तभी यह दर्दनाक खबर मिली कि दोनों की हत्या कर दी गई है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। SDPO आलोक कुमार ने बताया कि हत्या में इस्तेमाल होने वाला चाकू बरामद कर लिया गया है। FSL की टीम ने घटनास्थल से खून के धब्बों, अंगुलियों के निशान और अन्य महत्वपूर्ण सबूतों को एकत्रित किया है। पुलिस इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश में जुटी है।
**मां-बेटी की हत्या के पीछे की वजह**
इस घटना के पीछे की असली वजह अभी तक सामने नहीं आई है। स्थानीय लोगों के बीच इस घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कुछ लोग इसे आपसी रंजिश का नतीजा मान रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि लड़की के साथ दुष्कर्म की कोशिश की गई थी और मां के विरोध करने पर दोनों की हत्या कर दी गई। हालांकि, पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है और जांच अभी जारी है।
**घटना का सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव**
इस घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। मां-बेटी की इस तरह की निर्मम हत्या ने लोगों के दिलों में डर और आक्रोश पैदा कर दिया है। जहां एक ओर महिलाएं और लड़कियां अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, वहीं दूसरी ओर समाज में अपराधियों के प्रति नफरत और कठोर सजा की मांग जोर पकड़ रही है।
**जांच और न्याय की उम्मीद**
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और हर पहलू से जांच की जा रही है। फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले की पूरी तस्वीर साफ हो पाएगी। पुलिस द्वारा हत्या के पीछे के कारणों की तह तक जाने की कोशिश की जा रही है।
स्थानीय लोग इस घटना के जल्द से जल्द खुलासे और दोषियों को कठोर सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। पुलिस की प्राथमिकता इस मामले को सुलझाकर दोषियों को कानून के शिकंजे में लाना है।
**समाज का कर्तव्य और जागरूकता**
इस घटना ने एक बार फिर समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर हम किस दिशा में जा रहे हैं। ऐसे अपराध केवल कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं हैं, बल्कि यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी भी है कि हम अपने समाज को सुरक्षित और स्वस्थ बनाएं।
लोगों को अपनी बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जागरूक होना होगा। परिवारों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को आत्मरक्षा के गुर सिखाएं और उन्हें इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए मानसिक रूप से तैयार करें।
सहरसा जिले में हुई इस जघन्य घटना ने न केवल एक परिवार की खुशियों को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। मां-बेटी की निर्मम हत्या ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि हमें समाज में सुरक्षा और न्याय की भावना को और मजबूत करने की जरूरत है। पुलिस द्वारा मामले की जांच जारी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही दोषियों को सजा मिलेगी और न्याय की जीत होगी।
समाज के सभी वर्गों को मिलकर ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पुलिस, प्रशासन, और समाज को एकजुट होकर इस तरह के अपराधों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की जरूरत है, ताकि हमारे देश और समाज में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।