**बेतिया जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान में प्राचार्य की करतूतें: छात्राओं की हिम्मत से हुआ पर्दाफाश, प्राचार्य निलंबित और गिरफ्तार**
**प्रस्तावना:**बिहार के बेतिया जीएनएम (जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी) प्रशिक्षण संस्थान के प्रभारी प्राचार्य मनीष जायसवाल पर छात्राओं द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। छात्राओं ने प्राचार्य के खिलाफ मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न, अश्लील हरकतें, और धमकियों से भरे बर्ताव के आरोप लगाए। यह मामला तब सामने आया जब छात्राओं ने प्राचार्य के कार्यालय में शराब पीते और मसाज कराते हुए फोटो को वायरल किया। इस घटना ने एक बार फिर से शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थानों में अनुशासन और नैतिकता की जरूरत पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
**छात्राओं की प्रताड़ना और आरोप:**
जीएनएम की छात्राओं ने आरोप लगाया कि प्राचार्य मनीष जायसवाल न केवल उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे, बल्कि उनके साथ अश्लील हरकतें भी करते थे। प्राचार्य पर यह भी आरोप लगाया गया कि वे परीक्षा में उनके नंबर काटने की धमकी देते थे और प्रैक्टिकल के लिए उनसे पैसे की मांग करते थे। छात्राओं ने बताया कि जब वे इन प्रताड़नाओं से तंग आ गईं, तो मजबूर होकर उन्होंने प्राचार्य की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर दीं। तस्वीरों में प्राचार्य कार्यालय में शराब पीते और मसाज कराते हुए नजर आए, जिसने पूरे मामले को सार्वजनिक किया।
**प्राचार्य की धमकियां और छात्राओं का भय:**
फोटो वायरल होने के बाद प्राचार्य ने छात्राओं को धमकाना शुरू कर दिया, जिससे छात्राएं और अधिक डरी और सहमी हुई थीं। उनकी प्रताड़ना इस हद तक बढ़ गई कि वे प्राचार्य से डर के मारे किसी से शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थीं। यहां तक कि प्राचार्य ने उन्हें बंधक बनाकर रखने की धमकी भी दी। छात्राओं के अनुसार, वे काफी दिनों से इस भयावह माहौल में जी रही थीं, लेकिन अंततः उन्होंने अपनी हिम्मत जुटाकर यह मामला सार्वजनिक किया।
**मीडिया की सक्रियता और छात्राओं का साहस:**
जब छात्राओं की प्रताड़ना की खबर मीडिया तक पहुंची, तो मीडिया संस्थान में पहुंच गई। मीडिया को देखते ही छात्राएं सामने आईं और उन्होंने प्राचार्य की सारी करतूतों का खुलासा किया। छात्राओं ने बताया कि प्राचार्य उनके साथ न केवल दुर्व्यवहार करते थे, बल्कि उनके भविष्य को भी खतरे में डाल रहे थे। उन्होंने मीडिया को बताया कि प्राचार्य उन्हें धमकियां देते थे कि अगर उन्होंने इस मामले को कहीं भी उठाया, तो उन्हें कॉलेज से निकाल दिया जाएगा।
**डीएम और एसपी से मुलाकात और कार्रवाई का आदेश:**
मीडिया से बात करने के बाद सभी छात्राओं ने बेतिया के जिलाधिकारी (डीएम) से मुलाकात की। उन्होंने डीएम को अपनी स्थिति से अवगत कराया और प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। डीएम ने तुरंत ही मामले को संज्ञान में लिया और प्राचार्य मनीष जायसवाल को निलंबित करने का आदेश दिया। इसके बाद, छात्राओं ने बेतिया एसपी अमरकेश डी से भी मुलाकात की और उन्हें प्राचार्य के खिलाफ अपने आरोपों के बारे में बताया।
एसपी ने छात्राओं की बात गंभीरता से सुनी और उन्हें आश्वासन दिया कि प्राचार्य के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने तुरंत नगर थाने की पुलिस को बुलाकर छात्राओं के साथ जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान भेजा।
**प्राचार्य की गिरफ्तारी:**
जब पुलिस और छात्राएं जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान पहुंची, तब तक प्राचार्य मनीष जायसवाल वहां से फरार हो चुके थे। लेकिन पुलिस ने थोड़ी ही देर बाद उन्हें हिरासत में ले लिया। इस घटना ने प्राचार्य की गैर जिम्मेदाराना और अपराधी प्रवृत्ति को उजागर किया और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को बल दिया।
**मुख्यमंत्री को पत्र और प्रशासन की निष्क्रियता:**
यह महत्वपूर्ण है कि प्राचार्य की इस करतूत के बारे में छात्राओं ने पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, और मद्य निषेध विभाग को पत्र लिखकर जानकारी दी थी। लेकिन प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई थी, जिसके कारण छात्राओं को यह कदम उठाना पड़ा। इस घटना ने प्रशासन की निष्क्रियता और शिक्षा संस्थानों में हो रहे शोषण के मामलों पर ध्यान देने की कमी को भी उजागर किया है।
**घटना का प्रभाव और समाज में संदेश:**
बेतिया जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान की इस घटना ने न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थानों की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने दिखाया कि किस प्रकार छात्राओं ने अपनी हिम्मत और साहस से एक अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति को बेनकाब किया और न्याय की मांग की।
यह घटना एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि किसी भी प्रकार के शोषण और उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाना बेहद जरूरी है। चाहे वह शिक्षा संस्थान हो या कोई अन्य स्थान, इस तरह के कृत्यों को सहन नहीं किया जाना चाहिए, और हर नागरिक को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूक और सशक्त होना चाहिए।
बेतिया जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान की छात्राओं ने जिस तरह से प्राचार्य की प्रताड़ना का पर्दाफाश किया, वह समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि अगर हम अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं, तो कोई भी ताकत हमें हमारे अधिकारों से वंचित नहीं कर सकती। इस मामले में प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और प्राचार्य की गिरफ्तारी ने न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, लेकिन इस घटना से यह भी सीखने की जरूरत है कि ऐसे मामलों को शुरुआती स्तर पर ही सुलझाने के लिए प्रशासन को सतर्क और सक्रिय होना चाहिए