बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी की विदाई, सीआईएसएफ के डीजी के रूप में नियुक्ति, विपक्ष ने उठाए कानून व्यवस्था पर सवाल
बिहार के डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी की विदाई हो गई है। केंद्र सरकार ने उन्हें केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। भट्टी, जो दिसंबर 2022 से बिहार के डीजीपी के पद पर थे, अब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर लौट रहे हैं। उनकी विदाई के साथ ही बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने एक बार फिर से राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
1. आरएस भट्टी की नियुक्ति और विदाई:
आरएस भट्टी, जो यूपी कैडर के 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, ने दिसंबर 2022 में बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का कार्यभार संभाला था। उनके नेतृत्व में बिहार पुलिस को कई महत्वपूर्ण मामलों में सफलता मिली, लेकिन इसके बावजूद राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष की तरफ से सवाल उठाए जाते रहे। अब, केंद्र सरकार ने भट्टी को सीआईएसएफ के डीजी के रूप में नियुक्त कर दिया है। राज्य सरकार ने उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की अनुमति दे दी थी, और इसी के साथ उनकी पोस्टिंग भी कर दी गई है।
2. भट्टी की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की चर्चा:
भट्टी की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की चर्चाएं लंबे समय से चल रही थीं। बताया जाता है कि उन्होंने स्वयं इस महीने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वापस जाने की इच्छा व्यक्त की थी, जिसे राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने स्वीकृति दे दी। भट्टी, जो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पसंद के आधार पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बिहार में बुलाए गए थे, अब केंद्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने जा रहे हैं।
3. विपक्ष के सवाल और आलोचना:
आरएस भट्टी के डीजीपी रहते हुए राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने बार-बार सरकार पर निशाना साधा। विशेष रूप से राजद (आरजेडी) ने बिहार में बढ़ते अपराध और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए। विपक्ष का आरोप है कि भट्टी के कार्यकाल में कानून व्यवस्था को सुधारने में बिहार पुलिस सफल नहीं रही। आरजेडी नेता लगातार राज्य में अपराध की घटनाओं का विवरण पेश कर नीतीश कुमार की सरकार पर हमला करते रहे हैं।
4. पूर्णिया और मुकेश साहनी के मामले:
हाल ही में पूर्णिया में दिनदहाड़े ज्वेलरी शॉप में डकैती और मुकेश साहनी के पिता की हत्या जैसे मामले ने राज्य में पुलिसिंग पर सवाल खड़े कर दिए। आरजेडी ने इन मामलों को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में अपराधियों का बोलबाला है और पुलिस इन्हें काबू करने में नाकाम साबित हो रही है।
5. अपराध पर नियंत्रण की चुनौती:
आरएस भट्टी के कार्यकाल में बिहार में अपराध पर नियंत्रण एक बड़ी चुनौती बनी रही। भट्टी ने अनंत सिंह के भाई जैसे बड़े अपराधियों पर शिकंजा कसने की कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद अपराधियों के हौसले बुलंद रहे। आरजेडी ने राज्य में हो रही अपराध की घटनाओं को लेकर सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार में मंगलराज की जगह जंगलराज कायम है।
आरएस भट्टी की विदाई के साथ ही बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर नई चुनौतियां सामने आई हैं। विपक्ष ने जहां सरकार को घेरने की कोशिश की है, वहीं पुलिस के लिए अपराध पर नियंत्रण एक बड़ी जिम्मेदारी बन गई है। अब देखने वाली बात होगी कि भट्टी की विदाई के बाद बिहार पुलिस किस तरह से इन चुनौतियों का सामना करती है।
क्या भट्टी की विदाई के बाद बिहार में कानून व्यवस्था सुधरेगी या फिर विपक्ष के सवाल और भी तीखे होंगे? ये देखना दिलचस्प होगा। आगे की खबरों के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ।