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खतियान, जमाबंदी और लगान की रसीद के लिए अब नहीं होंगे परेशान, 12 कागजात ऑनलाइन प्राप्त करना है आसान ।

 खतियान, जमाबंदी और लगान की रसीद के लिए अब नहीं होंगे परेशान, 12 कागजात ऑनलाइन प्राप्त करना है आसान।

भूमि सर्वेक्षण से संबंधित समस्या और समाधान

बिहार सरकार द्वारा राज्य के सभी गांवों में भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो चुका है। इस सर्वेक्षण के अंतर्गत जमीन से संबंधित दस्तावेज़ों, जैसे कि खतियान, जमाबंदी पंजी, लगान रसीद आदि, को अद्यतन और उपलब्ध कराना शामिल है। हालांकि, इसके चलते जमीन से जुड़े दस्तावेज़ों की पूर्ति और उनकी प्राप्ति को लेकर लोगों में असमंजस और परेशानियाँ देखने को मिल रही हैं। कई लोग अंचल कार्यालयों और राजस्व विभागों के चक्कर लगाकर इन दस्तावेज़ों की मांग कर रहे हैं। 

मंत्री का आश्वासन: परेशान होने की जरूरत नहीं

बिहार राज्य के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने इस समस्या पर प्रतिक्रिया देते हुए लोगों को आश्वस्त किया है कि इसके लिए किसी को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। मंत्री ने बताया कि ये सभी दस्तावेज अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं और इन्हें आसानी से डिजिटल रूप में प्राप्त किया जा सकता है। लोगों को अंचल या राजस्व कार्यालयों में लाइनों में लगने की जरूरत नहीं है। 

स्वघोषणा से करें दस्तावेज़ जमा

अगर किसी के पास जमीन से संबंधित पूरे कागजात नहीं हैं या दस्तावेज अधूरे हैं, तो भी घबराने की जरूरत नहीं है। मंत्री ने स्पष्ट किया है कि आधे-अधूरे दस्तावेज़ होने की स्थिति में भी लोग स्वघोषणा करके अपने दस्तावेज़ निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं। यह एक सरल प्रक्रिया है, जिसमें आपको अपने दस्तावेज़ों को स्वघोषणा के तहत अपलोड करना होगा। इसके लिए कोई अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की गई है, जिससे लोग बिना किसी समयसीमा के यह कार्य कर सकते हैं।

ऑनलाइन प्रक्रिया से दस्तावेज प्राप्त करने की सुविधा

बिहार सरकार ने अब भूमि से जुड़े 12 तरह के दस्तावेजों की ऑनलाइन प्राप्ति की सुविधा दी है। इसके लिए मामूली शुल्क का भुगतान करना होता है, जिसे भी ऑनलाइन ही किया जा सकता है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि लोग अपने घर बैठे इन दस्तावेज़ों को प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको विभागीय वेबसाइट पर जाकर आवश्यक प्रक्रिया को पूरा करना होगा। 

इस प्रक्रिया के तहत आप भू-अभिलेख पोर्टल biharbhumi.bihar.gov.in पर जाकर निम्नलिखित दस्तावेज प्राप्त कर सकते हैं:

1. कैडस्ट्रल खतियान

2. रिविजनल खतियान

3. जमाबंदी पंजी प्रति

4. दाखिल खारिज वाद अभिलेख

5. राजस्व मानचित्र

6. दाखिल-खारिज पंजी

7. बंदोबस्ती अभिलेख

8. चकबंदी अभिलेख

9. भू-अर्जन अभिलेख

10. सीलिंग पंजी

11. लगान निर्धारण अभिलेख

12. मापी वाद अभिलेख

वंशावली से संबंधित भ्रम और समाधान

वंशावली से जुड़े दस्तावेज़ को लेकर भी कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं। मंत्री ने इस पर भी स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने बताया कि वंशावली को लेकर सत्यापन की कोई आवश्यकता नहीं है। लोग इसे सादे कागज पर खुद बना सकते हैं और स्वघोषणा के तहत इसे अपलोड कर सकते हैं। वंशावली के लिए किसी सरकारी अधिकारी या विभाग से सत्यापित कराने की कोई आवश्यकता नहीं है।

प्रक्रिया के चरण: दस्तावेज़ ऑनलाइन कैसे प्राप्त करें

अगर आप भी बिहार सरकार की इस सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं और अपने जमीन से जुड़े दस्तावेज़ों को ऑनलाइन प्राप्त करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित प्रक्रिया को अपनाना होगा:

1. सबसे पहले बिहार भूमि विभाग की वेबसाइट biharbhumi.bihar.gov.in पर जाएं।

2. वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ पर ‘भू-अभिलेख पोर्टल’ पर क्लिक करें।

3. अब आपको पोर्टल पर उपलब्ध विभिन्न दस्तावेज़ों में से जिन दस्तावेज़ों की आपको आवश्यकता है, उनका चयन करें।

4. दस्तावेज़ प्राप्त करने के लिए आपसे मामूली शुल्क लिया जाएगा, जिसे आप ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं।

5. सभी आवश्यक जानकारी भरने और भुगतान पूरा करने के बाद, आपको डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित दस्तावेज़ों की प्रति मिल जाएगी, जिसे आप डाउनलोड कर सकते हैं और भविष्य में उपयोग कर सकते हैं।

स्वघोषणा के साथ अपलोड करें आधे-अधूरे दस्तावेज़

जमीन के दस्तावेज़, जैसे कि खतियान, जमाबंदी पंजी, लगान रसीद, के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। मंत्री के अनुसार, अगर आपके पास दस्तावेज़ अधूरे हैं, तो भी आप इन्हें निदेशालय की वेबसाइट पर स्वघोषणा के साथ अपलोड कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह मान्य है और इसके लिए कोई अंतिम तिथि भी नहीं है, जिससे लोग बिना किसी दबाव के समय रहते अपने दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं। 

पुरानी हाथ से कटी रसीद भी मान्य

मंत्री ने स्पष्ट किया है कि भूमि सर्वे के लिए लगान रसीद भी ऑनलाइन या अद्यतन आवश्यक नहीं है। पहले की हाथ से कटी हुई रसीद भी पूरी तरह से मान्य है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि लोग बिना किसी झंझट के अपने पुराने दस्तावेजों को इस्तेमाल कर सकते हैं और अपनी जमीन का सर्वेक्षण करवा सकते हैं। 

निष्कर्ष: बिहार सरकार का डिजिटलीकरण प्रयास

बिहार सरकार का यह प्रयास जमीन से जुड़े दस्तावेजों के डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे लोगों को सुविधा होगी और उन्हें बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इस ऑनलाइन सुविधा से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि लोग बिना किसी परेशानी के अपने दस्तावेज़ घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं। 

सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है कि भूमि से जुड़े किसी भी प्रकार के दस्तावेज़ को प्राप्त करने में लोगों को कोई कठिनाई न हो और वे स्वघोषणा के तहत आसानी से इनका उपयोग कर सकें। अगर आपके पास जमीन से जुड़े दस्तावेजों की कमी है, तो भी स्वघोषणा के साथ आप इन्हें प्राप्त कर सकते हैं और अपनी जमीन से जुड़े किसी भी कार्य को आसानी से निपटा सकते हैं।

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