पूर्णिया में मोबाइल छीनकर 78,055 रुपए की ठगी: साइबर थाना ने त्वरित कार्रवाई कर 50 हजार के साथ दो अभियुक्तों को किया गिरफ्तार
घटना का विवरण
घटना पूर्णिया जिले के एक व्यस्त बाजार क्षेत्र की है। पीड़ित व्यक्ति, किसी काम से बाजार गए थे। इसी दौरान, दो युवकों ने अचानक उनका मोबाइल छीन लिया। मोबाइल छीनने के बाद अभियुक्तों ने तकनीकी तरीके से उनके बैंक खाते की जानकारी प्राप्त कर 78,055 रुपए की अवैध निकासी कर डाली।
पीड़ित की शिकायत पर हुआ त्वरित एक्शन
घटना के बाद पीड़ित ने तुरंत साइबर थाना में इसकी शिकायत दर्ज करवाई। पीड़ित ने बताया कि उनके मोबाइल पर कई बैंकिंग एप्लिकेशन और ओटीपी सेवाएं एक्टिव थीं, जिन्हें अभियुक्तों ने धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किया।
शिकायत मिलने के बाद साइबर थाना प्रभारी ने एक टीम का गठन किया। तकनीकी जांच और मोबाइल ट्रैकिंग की मदद से पुलिस ने कुछ ही घंटों में आरोपियों की लोकेशन ट्रेस कर ली।
अभियुक्तों की गिरफ्तारी और बरामदगी
साइबर थाना पुलिस ने छापेमारी कर दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। उनकी पहचान राजू कुमार और सुनील यादव (काल्पनिक नाम) के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके पास से 50 हजार रुपए नकद, चोरी किया गया मोबाइल और कई फर्जी दस्तावेज बरामद किए।
पुलिस के अनुसार, अभियुक्त साइबर अपराध के विशेषज्ञ हैं और पहले भी कई ऐसे मामलों में शामिल रहे हैं। वे पीड़ित के मोबाइल का सिम कार्ड निकालकर उसे दूसरे डिवाइस में लगाते और ओटीपी के जरिए बैंक खाते को खाली कर देते थे।
पुलिस का बयान
साइबर थाना प्रभारी ने बताया,"हमने घटना के तुरंत बाद कार्रवाई शुरू की और तकनीकी सहायता से आरोपियों को पकड़ लिया। उनके पास से बरामद 50 हजार रुपए पीड़ित को वापस किए जाएंगे। हम मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं कि कहीं ये किसी बड़े साइबर गैंग का हिस्सा तो नहीं हैं।"
सावधान रहने की अपील
इस घटना के बाद पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे अपने मोबाइल में बैंकिंग एप्लिकेशन और अन्य संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित रखें। अनजान लिंक पर क्लिक न करें और किसी को भी अपने मोबाइल का पासवर्ड साझा न करें।पूर्णिया की इस घटना ने एक बार फिर साइबर अपराध की गंभीरता को उजागर किया है। हालांकि, पुलिस की त्वरित कार्रवाई और अभियुक्तों की गिरफ्तारी ने लोगों में भरोसा कायम किया है। पुलिस की सतर्कता से इस मामले में बड़ी राशि की हानि होने से बच गई, लेकिन इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।