श्रृंगी ऋषि पर्वतपर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, संतान सुख की प्राप्ति की मान्यता
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श्रृंगी ऋषि पर्वत |
श्रृंगी ऋषि पर्वत का उल्लेख रामायण सर्किट में भी मिलता है। यह स्थान ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व रखता है। माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान राम के गुरु और ऋषि श्रृंगी ने तपस्या की थी। यही कारण है कि इस स्थल को एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है।
श्रृंगी ऋषि मंदिर में पूजा करने के लिए आने वाले भक्तों का कहना है कि यहां के शुद्ध वातावरण और ऋषि की तपोभूमि से उन्हें मानसिक शांति और आशीर्वाद प्राप्त होता है। विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति की मान्यता ने इस स्थल को और भी लोकप्रिय बना दिया है।
डीह रजौली निवासी पंडित वेद मूर्ति ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि रजौली की पावन भूमि वैदिक काल से ही धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही है। उनका कहना है कि श्रृंगी ऋषि पर्वत पर स्थित यह मंदिर न केवल क्षेत्रीय श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि पूरे राज्य के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बन चुका है।
श्रृंगी ऋषि पर्वत का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व समय के साथ बढ़ता जा रहा है। यहां पूजा करने के लिए आने वाले भक्त न सिर्फ धार्मिक आस्था से प्रेरित होते हैं, बल्कि यह स्थल पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन चुका है।
बसंत पंचमी के दिन उमड़ी इस श्रद्धालु की भीड़ इस बात का प्रमाण है कि रजौली की पावन भूमि पर स्थित इस मंदिर की मान्यता और महत्व दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है।