घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हुआ डाटा एंट्री ऑपरेटर, निगरानी टीम की कार्रवाई से हड़कंप
बिहार के वैशाली जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के तहत निगरानी विभाग ने बिदुपुर अंचल कार्यालय में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर आदित्य कुमार को सोमवार को 12 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।यह कार्रवाई उस वक्त हुई जब आदित्य कुमार मथुरा पंचायत के पूर्व सरपंच प्रतिनिधि शैलेंद्र कुमार से जमीन के दाखिल-खारिज (म्युटेशन) की प्रक्रिया में तेजी लाने के बदले घूस ले रहा था।
कैसे हुई कार्रवाई?
सोमवार दोपहर करीब 2:30 बजे निगरानी विभाग की टीम चार गाड़ियों में सवार होकर बिदुपुर सीओ कार्यालय पहुंची। टीम का नेतृत्व डीएसपी बिंध्याचल प्रसाद कर रहे थे। पूर्व सरपंच प्रतिनिधि शैलेंद्र कुमार की शिकायत के आधार पर यह छापेमारी की गई थी।
बताया गया कि शैलेंद्र कुमार की दो जमीनों का दाखिल-खारिज कई दिनों से लंबित था। जब उन्होंने प्रक्रिया में तेजी लाने की बात की, तो डाटा एंट्री ऑपरेटर आदित्य कुमार ने उनसे 20 हजार रुपये की मांग की। काफी बातचीत के बाद मामला 12 हजार में तय हुआ। इसके बाद शैलेंद्र कुमार ने निगरानी विभाग को पूरे मामले की जानकारी दी।
कार्रवाई के दौरान मचा हड़कंप
जैसे ही निगरानी टीम ने रिश्वत लेते हुए आदित्य कुमार को पकड़ा, अंचल और प्रखंड कार्यालय में अफरातफरी मच गई। सीओ करिश्मा कुमारी, प्रखंड नाजिर, प्रधान सहायक समेत कई कर्मी अपनी सीट छोड़कर इधर-उधर भागने लगे।
हालांकि कुछ समय बाद निगरानी अधिकारियों के निर्देश पर सभी अधिकारी-कर्मचारी वापस कार्यालय लौट आए और पूछताछ के लिए मौजूद रहे।
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
गिरफ्तार किए गए आदित्य कुमार को निगरानी टीम अपने साथ ले गई। इसके पहले बिदुपुर थानाध्यक्ष अरुण कुमार को मौके पर बुलाकर आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी की गई।
निगरानी विभाग की इस कार्रवाई ने स्पष्ट संकेत दिया है कि जमीन से जुड़े मामलों में भ्रष्टाचार अब भी गंभीर समस्या बना हुआ है और इससे निपटने के लिए निगरानी एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं।
यह कार्रवाई अन्य भ्रष्ट कर्मचारियों के लिए एक सख्त संदेश के रूप में देखी जा रही है।