पैन, आधार और राशन कार्ड से नहीं होगी नागरिकता साबित, अब दिखाने होंगे ये 2 आईडी प्रूफ
भारत में अब नागरिकता साबित करने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड या राशन कार्ड को पर्याप्त नहीं माना जाएगा। दिल्ली पुलिस ने इन दस्तावेज़ों को विदेशी नागरिकों और संदिग्ध लोगों के संदर्भ में अमान्य करार देते हुए साफ कहा है कि अब केवल दो दस्तावेज ही नागरिकता प्रमाण के रूप में मान्य होंगे – वोटर आईडी कार्ड और भारतीय पासपोर्ट।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह निर्णय केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप लिया गया है। 2024 से चल रहे व्यापक वेरिफिकेशन अभियान के दौरान यह सामने आया कि देश में बड़ी संख्या में अवैध रूप से विदेशी नागरिक, विशेषकर बांग्लादेशी और रोहिंग्या, रह रहे हैं। ये लोग फर्जी आधार, पैन और राशन कार्ड के आधार पर खुद को भारतीय नागरिक बताकर न केवल सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी खतरा बनते जा रहे हैं।
जांच के दौरान कई विदेशी नागरिकों के पास UNHCR (संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त) द्वारा जारी किए गए शरणार्थी कार्ड भी पाए गए। हालांकि, भारत सरकार की नीति के अनुसार, ये कार्ड देश में नागरिकता का वैध प्रमाण नहीं माने जाते।
पुलिस का कहना है कि अब प्रत्येक संदिग्ध या विदेशी नागरिक को अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए या तो मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) या फिर भारतीय पासपोर्ट प्रस्तुत करना होगा। इसके अलावा कोई अन्य दस्तावेज़ मान्य नहीं होगा।
यह फैसला देश में घुसपैठ, फर्जी पहचान, और सुरक्षा जोखिमों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से लिया गया है। नागरिकता की पुष्टि में अब केवल वही दस्तावेज स्वीकार होंगे जो व्यक्ति को भारत में वोट डालने या विदेश यात्रा के लिए भारतीय होने की मान्यता प्रदान करते हों।
सरकार के इस कड़े रुख को नागरिकता सत्यापन की प्रक्रिया को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। वहीं आम नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे अपने दस्तावेजों को अद्यतन रखें और नागरिकता प्रमाण के तौर पर मान्य दस्तावेज़ साथ रखें।