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नवादा में दर्दनाक सड़क हादसा: पुल से नीचे गिरा ई-रिक्शा, दो महिलाओं की मौत, मासूम बच्चे सहित कई घायल

 नवादा में दर्दनाक सड़क हादसा: पुल से नीचे गिरा ई-रिक्शा, दो महिलाओं की मौत, मासूम बच्चे सहित कई घायल

नवादा (बिहार), 3 मई –

नारदीगंज-नवादा रोड पर शनिवार की सुबह एक हृदयविदारक सड़क हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा कहुआरा और आषाढ़ी गांव के बीच लक्ष्मीपुर जाने वाले रास्ते के पास पुल पर हुआ, जब एक ई-रिक्शा (टोटो) किसी बड़े अनियंत्रित वाहन की चपेट में आकर पुल से नीचे गिर गया।

मृतक करी देवी
इस दर्दनाक घटना में कारी देवी, उम्र लगभग 50 वर्ष, की मौके पर ही मौत हो गई। वह गड़ही गांव, कहुआरा पंचायत की निवासी और उमेश यादव की पत्नी थीं। वहीं दूसरी मृतका धनवंती देवी (28 वर्ष) थीं, जो तरौनी गांव की रहने वाली थीं और किसी शादी समारोह से लौट रही थीं। उन्हें नारदीगंज अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।

हादसे के वक्त ई-रिक्शा नवादा से नारदीगंज की ओर जा रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुल पर दोनों ओर रेलिंग नहीं थी, जिससे ई-रिक्शा सीधे नीचे गिर गया। हादसे का मुख्य कारण भी पुल की असुरक्षा को ही माना जा रहा है।

घायल आयुषी कुमारी
घायलों में आयुषी कुमारी, और धनवंती देवी के दो छोटे बच्चे – सिद्धांत कुमार और आर्यन कुमार शामिल हैं। सभी घायलों को तत्काल स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।

हादसे के तुरंत बाद सड़क पर अफरातफरी मच गई। पुल पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और करीब एक घंटे तक यातायात पूरी तरह बाधित रहा। इस जाम में दर्जनों परीक्षार्थी भी फंसे रह गए, जो परीक्षा केंद्रों की ओर जा रहे थे।

घटना की जानकारी मिलते ही नारदीगंज थानाध्यक्ष प्रभा कुमारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचीं। उन्होंने शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। पुलिस इस हादसे की विस्तृत जांच कर रही है।

स्थानीय ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है। आक्रोशित लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुआवजे की मांग, पुल पर रेलिंग और ब्रेकर लगाने, तथा सड़क सुरक्षा के लिए ठोस इंतजाम करने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि यह पुल पहले से ही खतरे में था, लेकिन प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया।

मृतकों के घरों में कोहराम मचा है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। घटना ने क्षेत्र में शोक और आक्रोश दोनों का माहौल बना दिया है।

यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि कब तक बुनियादी संरचनाओं की अनदेखी मासूम जानों पर भारी पड़ती रहेगी?


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