Type Here to Get Search Results !

Comments

Comments

चावल जमा में लापरवाही पर नारदीगंज प्रशासन सख्त, सभी पैक्स को 31 जुलाई तक की अंतिम चेतावनी

 चावल जमा में लापरवाही पर नारदीगंज प्रशासन सख्त, सभी पैक्स को 31 जुलाई तक की अंतिम चेतावनी

नारदीगंज प्रखंड में चावल जमा करने में पैक्सों की लापरवाही अब भारी पड़ सकती है। बीते धान अधिप्राप्ति सत्र 2024-25 में धान की सफल खरीद के बावजूद अधिकांश पैक्स द्वारा अब तक समतुल्य चावल का जमा नहीं किया गया है। इससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) प्रभावित हो रही है, और प्रशासनिक स्तर पर नाराजगी भी चरम पर है।

बुधवार को प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी (BCO) दीपक सक्सेना ने नारदीगंज प्रखंड के विभिन्न पैक्स अध्यक्षों और प्रबंधकों की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “धान के उठाव के महीनों बाद भी कई पैक्सों द्वारा चावल जमा नहीं किया जाना विभागीय निर्देशों की अवहेलना है। यह आम जनता के हक पर कुठाराघात के समान है।”

31 जुलाई तक जमा करना अनिवार्य – वरना कार्रवाई तय

हालांकि सरकार द्वारा चावल जमा करने की अंतिम तिथि 10 अगस्त निर्धारित की गई है, लेकिन सहकारिता विभाग के निर्देशानुसार सभी पैक्सों को 31 जुलाई 2025 तक शत-प्रतिशत चावल जमा करना अनिवार्य किया गया है। ऐसा न करने वाले पैक्सों पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करने के मूड में है। संबंधित पैक्सों को नोटिस जारी किया जा चुका है।

कौन-कौन से पैक्स पीछे हैं?

नारदीगंज प्रखंड अंतर्गत कुल 11 पैक्स और एक व्यापार मंडल ने धान खरीदा था, लेकिन उनमें से कई ने अब तक अपेक्षित चावल जमा नहीं किया है। सबसे ज्यादा चावल जमा शेष रखने वाले पैक्सों की सूची इस प्रकार है:

परमा पैक्स – 4 लाट शेष

ओड़ो पैक्स – 3 लाट शेष

हड़िया पैक्स – 3 लाट शेष

डोहड़ा पैक्स – 2 लाट शेष

कहुआरा पैक्स – 2 लाट शेष

मसौढ़ा पैक्स – 2 लाट शेष

इस स्थिति से यह स्पष्ट है कि अगर जल्द ही कार्यवाही नहीं हुई, तो न केवल वितरण प्रणाली बाधित होगी, बल्कि सरकारी लक्ष्य भी प्रभावित होंगे।

जनता को हो रही है परेशानी

चावल जमा न होने के कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली समय पर सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है। इससे लाभुकों को राशन मिलने में देरी हो रही है, जो कि ग्रामीण क्षेत्र के गरीब तबकों के लिए गंभीर समस्या बन चुकी है।

BCO का अंतिम अल्टीमेटम

बीसीओ दीपक सक्सेना ने कहा,

> "31 जुलाई के बाद किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी पैक्स द्वारा चावल जमा नहीं किया गया तो न केवल उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी, बल्कि भविष्य में धान क्रय का अवसर भी रद्द किया जा सकता है।"

क्या है सीएमआर (CMR)?

सीएमआर यानी Custom Milled Rice — यह वह चावल होता है जो मिलरों द्वारा सरकारी गोदामों में जमा किया जाना होता है, जो पहले किसानों से खरीदे गए धान से बनता है। सरकार इसकी निगरानी सहकारिता विभाग के माध्यम से करती है।

नारदीगंज प्रखंड में चावल जमा को लेकर जारी लापरवाही अब समाप्त होनी चाहिए। प्रशासन की चेतावनी स्पष्ट है — या तो 31 जुलाई तक चावल जमा करें, या कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। इस निर्णय का उद्देश्य केवल सिस्टम को चुस्त-दुरुस्त बनाना ही नहीं, बल्कि गरीबों तक राशन पहुंचाने की प्रक्रिया को समय पर सुनिश्चित करना भी है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.