बिहार बंद की तैयारी पूरी, पीएम मोदी की मां पर अभद्र टिप्पणी के विरोध में एनडीए का बड़ा प्रदर्शन
पटना, 3 सितंबर 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर की गई अभद्र टिप्पणी के खिलाफ एनडीए ने बिहार बंद का आह्वान किया है। यह बंद गुरुवार, 4 सितंबर को सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित किया जाएगा। एनडीए ने स्पष्ट किया है कि बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से होगा तथा आपातकालीन सेवाओं को इससे प्रभावित नहीं किया जाएगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा
पटना में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल सहित सभी घटक दलों के प्रदेश अध्यक्ष मौजूद रहे। इस दौरान एनडीए नेताओं ने कहा:
प्रधानमंत्री की मां को गाली देकर पूरे देश की मातृशक्ति का अपमान हुआ है।
इस बयान ने करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत किया है।
एनडीए, बिहार की जनता से अपील करता है कि इस अहिंसात्मक बंद को सफल बनाएं और नैतिक संदेश दें।
महिला मोर्चा की जिम्मेदारी
बंद का नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) महिला मोर्चा को सौंपा गया है। महिला मोर्चा की कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगी और पूरे राज्य में बंद को प्रभावी बनाने की कोशिश करेंगी।
पृष्ठभूमि: ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान विवादित टिप्पणी
यह मामला अगस्त 2025 के अंतिम सप्ताह का है, जब बिहार में आयोजित ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर अभद्र टिप्पणी की गई थी।
आरोपी युवक रियाज (20 वर्ष) को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया।
उसके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
कार्यक्रम में नारेबाजी करने वाले अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस ने कहा है कि जांच पूरी कर जल्द ही चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जाएगी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस विवादित टिप्पणी की सभी दलों और नेताओं ने निंदा की है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे “अशोभनीय कृत्य” बताया।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री की मां पर की गई टिप्पणी पर सख्त कार्रवाई अनिवार्य है।
बीजेपी नेताओं ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि राजनीतिक मतभेद की आड़ में व्यक्तिगत हमले किए जा रहे हैं।
आम जनता पर असर
4 सितंबर को होने वाले इस बंद का असर पूरे बिहार में देखने को मिलेगा।
स्कूल-कॉलेज, बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहने की संभावना है।
परिवहन सेवाओं पर भी आंशिक असर पड़ सकता है।
हालांकि, हॉस्पिटल, एंबुलेंस, दवाइयों की दुकानें व आपातकालीन सेवाएं बाधित नहीं की जाएंगी।
एनडीए का यह बंद राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बंद से एक ओर जहां जनता में संवेदनाओं के प्रति एकजुटता दिखाई जाएगी, वहीं यह बिहार के राजनीतिक माहौल को भी और गरमा सकता है। एनडीए ने लोगों से अपील की है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन में शामिल होकर “देश की मातृशक्ति के सम्मान” की रक्षा करें।

