नवादा में स्कूल टीचर पर छेड़छाड़ का आरोप, पुलिस ने किया गिरफ्तार
इंस्टाग्राम पर अश्लील मैसेज भेजने का भी आरोप, ग्रामीणों की भीड़ ने घेरा स्कूल
नवादा जिले के अकबरपुर प्रखंड के बरेव गांव में स्थित एक स्कूल में उस समय हड़कंप मच गया, जब दो छात्राओं ने अपने ही शिक्षक पर छेड़छाड़ और सोशल मीडिया पर अश्लील संदेश भेजने का गंभीर आरोप लगा दिया। यह मामला सामने आते ही स्कूल में ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ का गुस्सा इतना बढ़ गया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए नेमदारगंज थाना पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी शिक्षक को हिरासत में लेकर थाने पहुंचाया।
15-20 दिनों से चल रहा था अनुचित व्यवहार
पीड़ित छात्राओं का कहना है कि आरोपी शिक्षक पिछले 15 से 20 दिनों से लगातार उनके साथ अनुचित व्यवहार कर रहा था। छात्राओं ने आरोप लगाया कि शिक्षक कक्षा में भी उन्हें अजीब नजरों से देखता और अनुचित तरीके से छूने की कोशिश करता था।
इतना ही नहीं, स्कूल के बाहर भी उसका व्यवहार संदिग्ध रहा। आरोप है कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर उन्हें आपत्तिजनक और अश्लील संदेश भेजता था।
इंस्टाग्राम मैसेज डिलीट कर दिए गए
जब इस मामले की जानकारी बाहर आई और ग्रामीणों ने छात्राओं से सबूत मांगे, तो उन्होंने बताया कि शिक्षक ने पहले तो मैसेज भेजे थे लेकिन बाद में उन्हें डिलीट कर दिया।
इसके बावजूद छात्राओं और उनके परिवारों का कहना है कि शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि इतने लंबे समय से वे डरी-सहमी इस उत्पीड़न को सह रही थीं।
ग्रामीणों का गुस्सा, स्कूल में भारी भीड़
घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीण बड़ी संख्या में स्कूल पहुंच गए। भीड़ ने आरोपी शिक्षक को घेर लिया और उस पर कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगी।
गांव के लोगों का कहना था कि शिक्षक का काम बच्चों को शिक्षा देना है, न कि उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करना। अगर समाज का मार्गदर्शक ही इस तरह के काम में लिप्त पाया जाएगा तो बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
हालात को बिगड़ता देख तुरंत नेमदारगंज थाना पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस दल मौके पर पहुंचा और आरोपी शिक्षक को भीड़ के गुस्से से बचाते हुए हिरासत में लिया।
इसके अलावा अकबरपुर प्रखंड के BDO और नेमदारगंज थाना प्रभारी भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाकर शांत कराया। प्रशासन ने आश्वासन दिया कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और पीड़िताओं को न्याय मिलेगा।
पुलिस जांच और कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने दोनों छात्राओं से बयान दर्ज कर लिया है। साथ ही, आरोपी शिक्षक से भी पूछताछ की जा रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, छात्राओं के बयान और परिजनों के आरोपों के आधार पर पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) समेत संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा, इंस्टाग्राम अकाउंट और चैट की तकनीकी जांच भी कराई जाएगी ताकि यह पता चल सके कि वास्तव में आरोपी ने किस तरह के संदेश भेजे थे।
ग्रामीणों की मांग – “कड़ी से कड़ी सजा मिले”
गांव के लोगों का कहना है कि शिक्षक को सिर्फ गिरफ्तार करना ही पर्याप्त नहीं है। यदि उस पर लगे आरोप सही साबित होते हैं तो उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और शिक्षक इस तरह का कृत्य करने की हिम्मत न जुटा सके।
गांव के एक बुजुर्ग ने कहा –
> “गांव के बच्चे स्कूल में पढ़ने जाते हैं। वहां अगर शिक्षक ही गलत हरकत करेगा तो बच्चे कहां सुरक्षित रहेंगे? सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसे शिक्षकों पर तुरंत बर्खास्तगी और कठोर सजा दी जाए।”
शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था की सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्कूल को हमेशा बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता है, लेकिन जब शिक्षक ही अपनी जिम्मेदारी से भटकते हैं तो पूरा तंत्र कटघरे में आ जाता है।
अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन को नियमित रूप से शिक्षकों की गतिविधियों की निगरानी करनी चाहिए। साथ ही, छात्राओं के लिए काउंसलिंग और हेल्पलाइन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए ताकि वे डर के माहौल में न रहें।
प्रशासन की चुनौती
ग्रामीण इलाकों में अक्सर ऐसे मामले सामने आने पर सामाजिक दबाव के कारण छात्राएं और उनके परिवार शिकायत दर्ज कराने से डरते हैं। लेकिन बरेव गांव के इस मामले में छात्राओं ने हिम्मत दिखाई और खुलकर अपनी बात रखी।
यह प्रशासन के लिए भी एक चुनौती है कि कैसे मामले की जांच पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से की जाए, ताकि पीड़ित परिवार का भरोसा न टूटे और दोषियों को कठोर सजा मिल सके।
कानूनी पहलू
इस मामले में अगर आरोप सही साबित होते हैं तो आरोपी शिक्षक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत मामला दर्ज होगा। पॉक्सो एक्ट बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों से निपटने के लिए बनाया गया है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर 7 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
इसके अलावा, आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराएं भी लागू हो सकती हैं, क्योंकि सोशल मीडिया पर अश्लील संदेश भेजना भी एक आपराधिक कृत्य है।
समाज का दायित्व
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में सिर्फ प्रशासन या पुलिस ही नहीं, बल्कि पूरे समाज को आगे आना होगा। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों से खुलकर बातचीत करें और यदि कोई बच्चा परेशान है तो उसकी बात को गंभीरता से लें।
कई बार डर और शर्म की वजह से छात्राएं चुप रहती हैं, जिससे आरोपी और ज्यादा साहसी हो जाते हैं। इस मामले में भी अगर छात्राओं ने आवाज न उठाई होती तो शायद यह हरकत और लंबा खिंचता ।
नवादा जिले के बरेव गांव का यह मामला समाज और शिक्षा तंत्र दोनों के लिए चेतावनी है। शिक्षक समाज का मार्गदर्शक माना जाता है, लेकिन जब वही शिक्षक अपने पद की गरिमा को कलंकित करता है तो पूरे समाज का भरोसा हिल जाता है।
फिलहाल, पुलिस आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर मामले की जांच कर रही है। ग्रामीण और पीड़ित परिवार सख्त कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि न्याय की प्रक्रिया कितनी तेजी और पारदर्शिता से आगे बढ़ती है।

