नवादा में सिपाही की आत्महत्या से सनसनी, सुसाइड नोट में लिखा — "अधिकारी करते थे टॉर्चर", इंस्पेक्टर निलंबित
नवादा जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां जिला पुलिस बल के एक जवान ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। घटना शनिवार की सुबह नरेंद्र नगर सेक्टर-ए स्थित किराए के मकान की है, जहां सिपाही अमित कुमार का शव कमरे में फंदे से झूलता मिला। मृतक औरंगाबाद जिले के हसपुरा थाना क्षेत्र के रहने वाले थे और वर्ष 2021 बैच के जवान थे।
सुसाइड नोट में अधिकारियों पर गंभीर आरोप
मौके से बरामद सुसाइड नोट ने पूरे पुलिस महकमे को झकझोर कर रख दिया है। अमित कुमार ने अपने सुसाइड नोट में दो वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना और निजी काम करवाने का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा कि "छुट्टी मंजूर होने के बावजूद मुझे घर जाने नहीं दिया गया, अधिकारी रोज टॉर्चर करते हैं और अपने निजी काम करवाते हैं।"
इन आरोपों के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशिक्षण प्रभारी इंस्पेक्टर मनोज सिन्हा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
साथियों ने लगाए उत्पीड़न और जातिवाद के आरोप
अमित के साथियों ने भी खुलासा किया कि वह पिछले एक सप्ताह से छुट्टी की मांग कर रहे थे, जो स्वीकृत होने के बावजूद रोकी जा रही थी। उनका कहना है कि अधिकारियों द्वारा लगातार जातिगत भेदभाव और मानसिक प्रताड़ना का व्यवहार किया जा रहा था। साथी सिपाहियों ने दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई और जांच
घटना की सूचना मिलते ही नवादा एसपी अभिनव धीमान, सदर SDPO हुलास कुमार, नगर थानाध्यक्ष अविनाश कुमार, तथा अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। बाद में मगध रेंज के पुलिस महानिरीक्षक क्षत्रनील सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की बिंदुवार जांच की।एसपी अभिनव धीमान ने बताया कि आत्महत्या के पीछे की सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच टीम गठित की गई है। उन्होंने कहा, "फिलहाल यह स्पष्ट है कि मृतक की हाल ही में शादी हुई थी और कुछ निजी समस्याएं भी चल रही थीं, परंतु यदि जांच में किसी अधिकारी की गलती सामने आती है, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।"
विभाग में मचा हड़कंप
अमित कुमार की मौत से पूरे पुलिस विभाग में शोक और आक्रोश का माहौल है। जवानों में असंतोष की लहर फैल गई है। कई सिपाहियों ने कहा कि मानसिक दबाव और अनुशासन के नाम पर हो रहे शोषण की स्थिति चिंताजनक है।
वहीं, उच्च अधिकारी इस मामले को विभागीय गरिमा और अनुशासन से जुड़ा बताते हुए कह रहे हैं कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी होगी।

