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बिहार विधानसभा का पहला सत्र 1 दिसंबर से, 2 दिसंबर को अध्यक्ष का चुनाव – जानें इस बार नया क्या होगा

बिहार विधानसभा का पहला सत्र 1 दिसंबर से, 2 दिसंबर को अध्यक्ष का चुनाव – जानें इस बार नया क्या होगा

मुख्य बातें:
• 1 दिसंबर को नए विधायकों का शपथ ग्रहण
• 2 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव
• 3 दिसंबर को राज्यपाल का अभिभाषण
• इस बार सदन पूरी तरह डिजिटल, सभी सीटों पर टैबलेट लगे

बिहार विधानसभा का पहला सत्र 1 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक होगा, क्योंकि इस बार सदन पूरी तरह डिजिटल रूप में नजर आएगा। यूपी विधानसभा के बाद अब बिहार उन चुनिंदा विधानसभाओं में शामिल होने जा रहा है जहां कागज की जगह टैब का उपयोग किया जाएगा।


1 दिसंबर: शपथ ग्रहण

पहले दिन सभी नव-निर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण कराया जाएगा। विधानसभा सचिवालय की सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। यह पहला मौका होगा जब विधायकों को डिजिटल माहौल में शपथ दिलाई जाएगी।

2 दिसंबर: विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव

दूसरे दिन अध्यक्ष का चुनाव होना है। यदि केवल एक उम्मीदवार होगा तो वह सर्वसम्मति से निर्वाचित घोषित कर दिया जाएगा, अन्यथा मतदान कराया जाएगा। अध्यक्ष सदन की पूरी कार्यवाही को नियंत्रित करने वाला सर्वोच्च पद होता है।

3 दिसंबर: राज्यपाल का अभिभाषण

3 दिसंबर को सेंट्रल हॉल में विधानसभा और विधान परिषद की संयुक्त बैठक में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान अभिभाषण देंगे। यह अभिभाषण सरकार की नीतियों और योजनाओं का आधिकारिक दस्तावेज होता है।

4 दिसंबर: अभिभाषण पर चर्चा

अगले दिन अभिभाषण पर चर्चा की जाएगी। विधायक सरकार की योजनाओं पर राय रखेंगे और सरकार उनकी बातों का जवाब देगी। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था का महत्वपूर्ण चरण है।

5 दिसंबर: अनुपूरक बजट और विनियोग विधेयक

5 दिसंबर को दूसरी अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी और फिर विनियोग विधेयक पेश किया जाएगा। विनियोग विधेयक पास होने के बाद ही सरकार राज्य की संचित निधि से खर्च कर सकती है।

विनियोग विधेयक क्या होता है?

यह एक ऐसा विधेयक है जिसके जरिए सरकार को राज्य की संचित निधि (Consolidated Fund) से खर्च की अनुमति मिलती है। इसे विधानसभा, विधान परिषद और राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून का रूप मिलता है।

इस बार क्या होगा नया – डिजिटल विधानसभा

इस बार विधानसभा में सबसे बड़ा बदलाव है डिजिटल सिस्टम का लागू होना। सभी 243 सीटों पर टैबलेट लगाए गए हैं। विधायक सवाल पूछेंगे, नोट्स देखेंगे और दस्तावेज पढ़ेंगे—all digital।

डिजिटल विधानसभा के फायदे:

• कागज का उपयोग 90% कम होगा
• तेजी से काम होगा, दस्तावेज एक क्लिक पर
• पारदर्शिता बढ़ेगी
• रिकॉर्ड हमेशा सुरक्षित रहेंगे
• पर्यावरण को लाभ मिलेगा

यह पूरा सिस्टम नेवा (NeVA) — National e-Vidhan Application के तहत लगाया गया है। इससे बिहार विधानसभा अब पूरी तरह आधुनिक और पेपरलेस बन जाएगी। नई तकनीक नए विधायकों के लिए 'वेलकम गिफ्ट' की तरह मानी जा रही है।

सारांश

1 दिसंबर से शुरू हो रहा सत्र केवल औपचारिक शुरुआत नहीं है, बल्कि बिहार की विधायी व्यवस्था में एक बड़े बदलाव की शुरुआत है। कागज रहित कार्यवाही, डिजिटल टैब और आधुनिक तकनीक के साथ बिहार विधानसभा अब नए युग में कदम रखने जा रही है। यह सत्र इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में दर्ज किया जाएगा।

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