बिहार की राजनीति: आरजेडी की हार और तेजस्वी यादव की चुप्पी का राज
बिहार की राजनीति इन दिनों बेहद उथल-पुथल से गुजर रही है। 2025 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को करारी हार का सामना करना पड़ा। पार्टी केवल 25 सीटों तक सिमट गई, जबकि एनडीए ने 202 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की। समीक्षा बैठकों में नेताओं का गुस्सा फूट पड़ा है।
आरजेडी की समीक्षा बैठकें: गुस्से का मंच
मगध प्रमंडल की बैठक में हारे उम्मीदवारों ने तेजस्वी की कोर टीम पर सवाल उठाए। गठबंधन सहयोगियों (कांग्रेस, लेफ्ट, वीआईपी) पर भी आरोप लगे कि समर्थन न देने से हार हुई। सारण प्रमंडल की बैठक 9 दिसंबर तक असंतोष जारी रखेगी।
कांग्रेस में भी भिड़ंत
दिल्ली बैठक में वैशाली के इंजीनियर संजीव और पूर्णिया के जितेंद्र यादव भिड़ गए। टिकट बंटवारे पर बहस इतनी बढ़ी कि गोली मारने की धमकी तक का आरोप लगा। महागठबंधन भीतर से बिखर रहा है।
तेजस्वी यादव कहां गायब?
हार के 13 दिन बाद (27 नवंबर) तेजस्वी परिवार संग दिल्ली पहुंचे, लेकिन चुप्पी बरकरार। 171 रैलियों के बाद हार ने उन्हें सदमे में डाल दिया लगता है। पार्टी बैठकें हो रही हैं, लेकिन तेजस्वी अनुपस्थित।
मुख्य बिंदु
- आरजेडी: 25 सीटें (पहले सबसे बड़ी पार्टी)
- एनडीए: 202 सीटें, नीतीश 10वीं बार CM
- तेजस्वी: 171 रैलियां, लेकिन हार
- समीक्षा: आरोप-प्रत्यारोप, गठबंधन फूट
तेजस्वी की वापसी बिहार राजनीति का टर्निंग पॉइंट बनेगी। फिलहाल RJD भंवर में फंसी है।

