नवादा में गुप्त सूचना पर बड़ी कार्रवाई: उत्पाद विभाग ने पिकअप से 771 लीटर विदेशी शराब बरामद की
नवादा जिले में रविवार को मद्य निषेध विभाग की उत्पाद टीम ने एक बार फिर शराब तस्करों पर बड़ी चोट की है। गुप्त सूचना के आधार पर की गई इस कार्रवाई ने न केवल शराब तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि बिहार में शराबबंदी लागू रहने के बावजूद तस्कर किस तरह नए-नए तरीकों से शराब की खेप को राज्य में पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। फतेहपुर-अकबरपुर ओवरब्रिज के पास की गई इस कार्रवाई में उत्पाद टीम ने खाद की बोरियों के नीचे छुपाई गई भारी मात्रा में विदेशी शराब जब्त की है। यह पूरी कार्रवाई अवर निरीक्षक नागो लाकड़ा एवं अवर निरीक्षक श्री न्यूटन के नेतृत्व में की गई।
कुल बोतलें: 2688
वाहन संख्या: BR04 GL 7939
गिरफ्तार चालक: पवन कुमार, हजारीबाग
◆ कैसे मिली सूचना और कैसे हुई कार्रवाई?
मद्य निषेध विभाग को शनिवार देर रात एक पुख्ता गुप्त सूचना मिली थी कि झारखंड की ओर से शराब की एक बड़ी खेप पिकअप वाहन से बिहार में प्रवेश करने वाली है। वाहन का नंबर भी उपलब्ध कराया गया था—BR04 GL 7939। सूचना में यह भी बताया गया कि यह वाहन झारखंड के कोडरमा से शराब लादकर बिहार के नवादा होते हुए बिहारशरीफ पहुंचाने की योजना पर निकला है।
सूचना मिलते ही अवर निरीक्षक नागो लाकड़ा और अवर निरीक्षक श्री न्यूटन ने तुरंत टीम को सक्रिय किया और रणनीति तैयार की। रात में ही टीम ने कई स्थानों पर निगरानी शुरू कर दी। अंततः फतेहपुर-अकबरपुर ओवरब्रिज के पास घेराबंदी कर वाहन को रोकने की योजना बनाई गई, क्योंकि यह जगह तस्करों के लिए एक सामान्य मार्ग मानी जाती है। रविवार सुबह जैसे ही उस नंबर का संदिग्ध पिकअप दिखाई दिया, टीम ने उसे घेरकर रोक लिया।
◆ खाद की बोरियों के नीचे छुपाई गई थी भारी मात्रा में शराब
जब वाहन की तलाशी ली गई तो शुरू में उसमें केवल खाद की बोरियाँ दिखाई दीं। लेकिन अधिकारियों को शक था कि कुछ और भी छुपाया गया है। जब बोरियों को हटाकर नीचे की परत की जाँच की गई तो टीम दंग रह गई—नीचे सलीके से छुपाकर रखी गई विदेशी शराब की सैकड़ों पेटियाँ मौजूद थीं। यह साफ दर्शाता है कि तस्कर खाद के नाम पर वाहन को सामान्य दिखाकर जांच से बचने की कोशिश कर रहे थे।
◆ बरामद शराब का विस्तृत विवरण
जांच में निम्नलिखित विदेशी शराब बरामद की गई:
- रॉयल स्टैग डीलक्स प्रीमियम व्हिस्की 375 एमएल – 41 कार्टन (369 लीटर)
- रॉयल स्टैग 750 एमएल – 11 कार्टन (99 लीटर)
- रॉयल स्टैग 180 एमएल – 31 पेटी (267.840 लीटर)
- ब्लेंडर्स प्राइड 750 एमएल – 1 कार्टन (9 लीटर)
- आईकॉनिक व्हिस्की 375 एमएल – 1 कार्टन (9 लीटर)
- मैकडोवेल नंबर-1 375 एमएल – 1 कार्टन (9 लीटर)
- इंपिरियल ब्लू 375 एमएल – 1 कार्टन (9 लीटर)
कुल मात्रा: 771.840 लीटर
कुल बोतलें: 2688
◆ चालक गिरफ्तार, कई खुलासों की उम्मीद
वाहन को रोकने के दौरान चालक को मौके पर ही पकड़ लिया गया। उसकी पहचान पवन कुमार, पिता जमडोरी दास, ग्राम जामसौती, थाना चरकुमा, जिला हजारीबाग (झारखंड) के रूप में हुई है। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि शराब उसे झारखंड के कोडरमा से मिली थी और उसे बिहारशरीफ में पहुंचाना था। उसने यह भी संकेत दिया कि इसके पीछे एक संगठित गिरोह काम करता है, जो लगातार झारखंड से शराब की तस्करी कर बिहार पहुंचा रहा है।
◆ तस्करी का बड़ा नेटवर्क आ सकता है सामने
प्रारंभिक पूछताछ से ऐसा प्रतीत होता है कि शराब माफिया खाद व अन्य कृषि सामग्री के नाम पर वाहनों का उपयोग करते हैं, ताकि बिहार की सीमा पर चेकिंग से बचा जा सके। खाद की बोरियों के नीचे शराब छुपाना उनकी स्थापित रणनीति बन गई है। मद्य निषेध विभाग अब चालक से मिले सुरागों के आधार पर यह पता लगाने में जुट गया है कि शराब भेजने वाला कौन था, इसका वास्तविक मालिक कौन है, और बिहारशरीफ में इसका ग्राहक या प्राप्तकर्ता कौन था।
जांच अधिकारियों का मानना है कि गिरफ्तार चालक तस्करी चेन का सबसे निचला हिस्सा है। उसके बयान और मोबाइल डेटा के आधार पर कई बड़े नामों के सामने आने की संभावना है। टीम ने मोबाइल फोन, वाहन और बरामद माल को जब्त कर लिया है। इनसे प्राप्त जानकारी आगे की कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
◆ बिहार में शराबबंदी और तस्करों की चालें
बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद तस्कर विभिन्न तरीकों से शराब की आपूर्ति कर रहे हैं। राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों—विशेषकर झारखंड, उत्तर प्रदेश और बंगाल की सीमाओं से शराब की अवैध आवाजाही होती रहती है। इस घटना ने यह फिर साबित कर दिया कि तस्कर न सिर्फ सक्रिय हैं बल्कि लगातार नए तरीके भी अपनाते रहते हैं।
उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तस्कर खाद, सब्जी, फल, दूध और यहां तक कि निर्माण सामग्री वाले वाहनों का उपयोग अधिक करते हैं, ताकि सामान्य जांच में उन्हें आसानी से पकड़ा न जा सके। लेकिन मद्य निषेध टीम की सतर्कता ऐसी गतिविधियों पर भारी पड़ रही है।
◆ छापेमारी में सिपाही मोहम्मद इरफान अहमद की अहम भूमिका
पूरी कार्रवाई में मद्य निषेध सिपाही मोहम्मद इरफान अहमद भी महत्वपूर्ण भूमिका में रहे। उन्होंने घेराबंदी, वाहन की पहचान और जांच प्रक्रिया में सक्रिय योगदान दिया। टीमवर्क के परिणामस्वरूप शराब की यह सबसे बड़ी हालिया बरामदगी संभव हो सकी है।
◆ निष्कर्ष: शराब माफियाओं पर उत्पाद विभाग की कड़ी निगरानी
नवादा जिले में हुई यह कार्रवाई बिहार में शराब तस्करों के लिए एक बड़ा संदेश है कि कानून से बचना आसान नहीं है। सरकार शराबबंदी को लेकर सख्त है और उत्पाद विभाग लगातार सक्रिय रहकर ऐसी अवैध गतिविधियों पर नकेल कस रहा है। चालक से मिली जानकारी के बाद एक बड़े नेटवर्क के उजागर होने की पूरी संभावना है। यदि ऐसा होता है, तो बिहार में शराब तस्करी को एक बड़े झटके का सामना करना पड़ सकता है।
टीम ने स्पष्ट किया है कि आगे भी इस तरह की अभियानात्मक कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी और शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

