नवादा जिले में आयोजित हो रही सिपाही भर्ती परीक्षा में पांच नकल करते हुए गिरफ्तार हुए छात्र
नवादा जिले में आयोजित हो रही सिपाही भर्ती परीक्षा के पहले दिन पर हुई घटनाओं का सवाल बन चुका है। प्रशासन ने परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन नकल और अन्य गड़बड़ी की कोशिशों के बावजूद कुछ अभ्यर्थी गिरफ्तार किए गए हैं।
परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा के अलावा, एसडीए (जिला अधिकारी) ने परीक्षा की खराबियों को रोकने के लिए डीएम (जिला मजिस्ट्रेट) के साथ मिलकर नवादा जिले के सभी परीक्षा केंद्रों का दौरा किया है। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ पकड़े जाने वाले अभ्यर्थियों पर पांच साल का प्रतिबंध लगाने के आदेश भी दिए हैं।
नकल करते पकड़े गए छात्रों की पहचान बताते हुए, एसडीओ अखिलेश कुमार ने बताया कि नकल करते हुए छात्रों में एक ब्लूटूथ डिवाइस मिला है, जिसका उपयोग परीक्षा में गड़बड़ी करने के लिए किया जा रहा था।
साथ ही, परीक्षा केंद्र के बाहर से भी एक परिजन को मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया गया है, जिसका संदेह है कि वह परीक्षा में अभ्यर्थियों को सहायता करने के लिए वहां आया था।
नकल करते हुए गिरफ्तार हुए छात्रों के नाम और उनके स्कूल के नाम निम्नलिखित हैं:
ब्राइट करियर स्कूल से अखिलेश कुमार
दिल्ली पब्लिक स्कूल से प्रिंस कुमार
मॉडर्न इंग्लिश स्कूल से पुष्पेंद्र कुमार
साथ ही, संत जोसेफ पब्लिक स्कूल के छात्र कमलेश कुमार को भी नकल करते हुए पकड़ा गया है।
नवादा जिले में प्रशासन ने परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा के लिए धारा 144 लगाने का निर्णय लिया है, जिससे सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र में नियमित रूप से बैठाने की इजाजत नहीं होगी।
प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा की पुरी व्यवस्था की है, और परीक्षा केंद्रों के बाहर और अंदर सुरक्षा जांच की जा रही है। सभी सेंटरों में एंट्री की प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए विशेष उपाय अधिकृत रूप से अपनाए गए हैं।
नकल और गड़बड़ी को रोकने के लिए, प्रशासन ने 22 परीक्षा केंद्रों के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं और आदेश दिए हैं कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ किसी भी अभ्यर्थी को पकड़ा जाता है तो उस पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया जाएगा।
यह घटनाएं दिखाती हैं कि परीक्षा में गड़बड़ी और नकल के खिलाफ नवादा जिले की प्रशासनिक अधिकारियों ने सख्ती से काम किया है, ताकि परीक्षा के माध्यम से न्यायिक और निष्कलंक चयन हो सके। प्रशासन की प्रेरणा है कि वे सुनिश्चित करें कि परीक्षा में नियमों का पालन किया जाए और अभ्यर्थियों को न्यायिक रूप से मौका मिले ताकि वे अपने कौशलों को प्रदर्शित कर सकें।