S BIHAR NEWS 12 के तरफ से गांधी जयंती के मौके पर सभी देशवासियों को बापू के ये संदेश
गांधी जयंती- 2023: देश में हर साल 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन के दिन गांधी जयंती मनाई जाती है.
महात्मा गांधी, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे। उन्होंने अपने अद्वितीय दृष्टिकोण और आदर्शों के साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नए दिशा में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहां, मैं महात्मा गांधी के जीवन को में संक्षेप में दर्शाने का प्रयास कर रहा हूँ।
मोहनदास करमचंद गांधी, जिनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, कठियावाड़, गुजरात में हुआ था, ने अपने जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके पिता का नाम करमचंद था, और मां का नाम पुतलिबाई था। महात्मा गांधी के बचपन का नाम 'मोहन' था।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर में प्राप्त की और फिर वह इंग्लैंड गए, जहां उन्होंने कानून की पढ़ाई की। वह इंग्लैंड में अपराधिकी निर्वाचन की पढ़ाई करते समय भारतीय समाज में आपर्याप्त अधिकारों की कमी को अच्छे से समझ गए और वहां के भारतीय समुदाय के लोगों के साथ एकाधिकार और न्याय के लिए संघर्ष करने का प्रतिबद्ध हो गए।
उनकी गांधीजी की पहचान इस समय की हुई, और वह स्वराज की ओर अपने परिवार के साथ लौटे। वह अपने प्रारंभिक संघर्ष में सत्याग्रह का प्रयोग करने लगे, जिसमें वह अपने विचारों के पक्ष में अपने जीवन की आहुति देने को तैयार थे।
उन्होंने 1915 में भारत वापस आकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का मार्गदर्शन करना शुरू किया। उन्होंने अहिंसा और सत्य के माध्यम से भारतीय जनता को स्वतंत्रता के लिए आत्मनिर्भर और संघर्ष करने की साहसी भावना दिलाई।
महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए असहमति और सत्याग्रह के आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नए दरबारी माध्यम के रूप में प्रस्तुत हुए, जिसमें वह भिक्षुक और किसानों के साथ शामिल होते थे।
गांधीजी की एक महत्वपूर्ण घटना थी चम्पारण सत्याग्रह, जिसमें वे बिहार के ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की समस्याओं के लिए संघर्ष करते हुए नजर आए। इस आंदोलन में उन्होंने किसानों के अधिकारों के लिए सत्याग्रह की अपनी पहचान बनाई।
उनका अगला महत्वपूर्ण आंदोलन था खिलाफत आंदोलन और नौजवानों को जोड़ने का प्रयास, जिसमें वे खिलाफत आंदोलन और आंध्रा प्रदेश के नौजवानों के बीच समझौता करने के लिए प्रयास करते थे।
उन्होंने सत्याग्रह के प्रेरणास्त्रोत के रूप में नमक सत्याग्रह को भी शुरू किया, जिसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए उन्होंने नमक के आदान-प्रदान की आपात्ति की। इस आंदोलन ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनमानस में एक बड़ी आंदोलनिक भावना को उत्तेजित किया।
महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के माध्यम से अपने जीवन के दौरान अनेक आंदोलनों का नेतृत्व किया, जो ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ जनमानस में एक सामाजिक क्रांति की भावना को उत्तेजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन आंदोलनों में नमक सत्याग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन, असहमति आंदोलन, खिलाफत आंदोलन, आंध्र प्रदेश सर्वोदय आंदोलन, बारडोली आंदोलन और काला दाकू आंदोलन शामिल हैं।
गांधीजी ने विभाजन और समाज के एकत्रितता के लिए प्रयास किए, और उन्होंने भारतीय समाज में सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक बदलाव के लिए अपने विचारों को फैलाने का काम किया।
गांधीजी की उपाधियों में "राष्ट्रपिता" और "महात्मा" शामिल हैं, जो उनके महान योगदान का प्रति व्यक्त करते हैं। उनका प्रेरणास्त्रोत आज भी लोगों के लिए है, और उनकी आदर्शों और मूल्यों का अनुसरण करने का समय आ चुका है, जब भारत और विश्व एक बेहतर और संघर्षमुक्त समाज की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं।
इस रूप में, महात्मा गांधी का जीवन संग्राम, संघर्ष, और आदर्शों से भरा रहा है, जो आज भी उनकी उपलब्धियों और योगदान के प्रति हमारी समर्थन को बढ़ावा देता है। गांधीजी के द्वारा शिखरित किए गए मूल्यों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता ने उन्हें एक महान नेता बनाया है और उनके आदर्शों को आज भी एक आदर्श माना जाता है।
महात्मा गांधी के प्रमुख नारे और उनके कही हुई बातें
करो या मरो.
भारत छोड़ो.
जहां प्रेम है वहां जीवन है.
भगवान का कोई धर्म नहीं है.
जहां पवित्रता है, वहीं निर्भयता है.
किसी की मेहरबानी मांगना, अपनी आजादी बेचना.
आंख के बदले में आंख पूरे दुनीया को अंधा बना देगी.
दिल की कोई भाषा नहीं होती, दिल-दिल से बात करता है.