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नवादा में घरेलू कलह से तंग आकर पति ने की आत्महत्या

 नवादा में घरेलू कलह से तंग आकर पति ने की आत्महत्या

नवादा जिले के पकरीबरावां थाना क्षेत्र के बिहटा गांव में एक हृदय विदारक घटना घटी है। रविवार, 16 जून को पत्नी द्वारा लगातार घरेलू कलह किए जाने से तंग आकर लक्ष्मण चौहान उर्फ लच्छू चौहान ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस दुखद घटना के बाद पूरा परिवार शोक में डूब गया है और सभी का रो-रोकर बुरा हाल है। 


घटना का पूरा विवरण


मृतक के भाई छोटेलाल चौहान ने बताया कि लक्ष्मण चौहान और उनकी पत्नी के बीच अक्सर किसी न किसी बात को लेकर विवाद होता रहता था। रविवार को लक्ष्मण की पत्नी शिव परिचर्या के लिए बाहर गई हुई थी। रात्रि में जब वह घर लौटी, तो लक्ष्मण ने उनसे कहा कि वह थका हुआ है और उससे शरीर में तेल लगाने के लिए कहा। इस पर उनकी पत्नी आगबबूला हो गई और घर में झगड़ा करने लगी। यह विवाद इतना बढ़ गया कि लक्ष्मण गुस्से में आकर अपने कमरे में सोने चला गया।


आत्महत्या की घटना


बीती रात लक्ष्मण ने चुपके से फांसी का फंदा तैयार किया और आत्महत्या कर ली। जब सोमवार सुबह यह घटना सामने आई, तो पूरे परिवार में कोहराम मच गया। लक्ष्मण चौहान की मृत्यु ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है। 


पुलिस की प्रतिक्रिया


पकरीबरावां थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि उन्हें एक व्यक्ति द्वारा आत्महत्या किए जाने की सूचना मिली थी। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए नवादा सदर अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और अग्रेतर कार्रवाई में जुटी हुई है। 


परिवार की स्थिति


लक्ष्मण चौहान के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों के अनुसार, लक्ष्मण की पत्नी के साथ हमेशा से ही छोटे-छोटे विवाद होते रहते थे, लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा था कि स्थिति इतनी गंभीर हो जाएगी कि लक्ष्मण आत्महत्या जैसा कदम उठाएंगे। 

यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि घरेलू कलह को हल्के में नहीं लिया जा सकता। यह केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की समस्या है। समाज को मिलकर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास करने होंगे। 

घरेलू कलह और मानसिक तनाव के कारण कई लोग आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। यह जरूरी है कि परिवार और समाज मिलकर इस मुद्दे पर ध्यान दें और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। हर व्यक्ति की मानसिक स्थिति को समझना और उसका सम्मान करना जरूरी है। 

समाज में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। परिवार के सदस्यों को एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और विवादों को सुलझाने के लिए संवाद का सहारा लेना चाहिए। इसके अलावा, समाज को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति को मानसिक तनाव में अकेला न छोड़ा जाए। 

लक्ष्मण चौहान की आत्महत्या ने पूरे बिहटा गांव और नवादा जिले को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि घरेलू कलह और मानसिक तनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। परिवारों में संवाद और समझदारी से ही ऐसे दुखद घटनाओं को रोका जा सकता है। 

लक्ष्मण चौहान की आत्महत्या ने न केवल उनके परिवार को बल्कि पूरे गांव और समाज को एक गहरे सदमे में डाल दिया है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम अपने आस-पास के लोगों की मानसिक स्थिति का कितना ख्याल रखते हैं। 

पुलिस मामले की जांच में जुटी है और उम्मीद है कि जल्द ही सच्चाई सामने आएगी। लेकिन इस घटना से सीख लेते हुए समाज को यह समझना होगा कि घरेलू हिंसा और मानसिक तनाव के मुद्दों पर गंभीरता से विचार करना होगा। केवल कानून के सहारे ही नहीं, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी इस समस्या का समाधान खोजना होगा। 

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