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नालंदा में शराब माफियाओं का आतंक: छापेमारी के दौरान पुलिस पर पथराव, कई पुलिसकर्मी घायल।

 नालंदा में शराब माफियाओं का आतंक: छापेमारी के दौरान पुलिस पर पथराव, कई पुलिसकर्मी घायल।

अशांकीक की तस्वीर
बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब का अवैध धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में नालंदा जिले में हुई एक घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि शराब माफिया किस हद तक कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। घटना सोमवार रात की है जब चेरो ओपी थाना की पुलिस को चेरो गांव में अवैध शराब कारोबार की सूचना मिली। सूचना के आधार पर पुलिस की एक टीम गांव पहुंची, लेकिन वहां उन पर ऐसा हमला हुआ जिसकी शायद ही किसी ने उम्मीद की हो। पुलिस पर अचानक हुए इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया।

शराब के धंधे की सूचना पर पुलिस की छापेमारी

सोमवार की रात को चेरो ओपी थाना के प्रभारी अबू तालिब अंसारी को चेरो गांव में अवैध शराब के कारोबार की सूचना मिली। बिहार में शराबबंदी के सख्त कानूनों के बावजूद राज्य के कई इलाकों में यह काला धंधा धड़ल्ले से चलता है। इसी क्रम में चेरो गांव से भी पुलिस को लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी ने एक टीम तैयार की, जिसमें करीब आधा दर्जन सिपाही शामिल थे। टीम का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों में भीम पासवान और मृत्युंजय कुमार थे। जैसे ही पुलिस की टीम गांव पहुंची, उन्होंने तुरंत छापेमारी शुरू कर दी।

अचानक हुआ पथराव, पुलिसकर्मी घायल

पुलिस की टीम को गांव में शराब की तलाश के दौरान अचानक बदमाशों ने निशाना बना लिया। गांव के कुछ शराब माफियाओं और उनके साथियों ने पुलिस पर अचानक पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। यह हमला पूरी तरह से अप्रत्याशित था और पुलिसकर्मियों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। पत्थरों की बौछार से कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस हमले में सिपाही सुमित कुमार, विकास कुमार, गोविंद कुमार के साथ पुलिस अधिकारी भीम पासवान और मृत्युंजय कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हमले के बाद पुलिसकर्मी अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागने को मजबूर हो गए।

वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना, अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती

इस घटना की जानकारी मिलते ही चेरो ओपी थाना प्रभारी ने तुरंत अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी। घटना की गंभीरता को देखते हुए आस-पास के थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। भारी संख्या में पुलिस बल गांव पहुंचा, लेकिन तब तक हमलावर मौके से फरार हो चुके थे। पुलिस बल ने गांव में आरोपियों की तलाश शुरू कर दी, लेकिन तब तक हमलावरों ने मौके से भागने का रास्ता बना लिया था। पुलिस ने इलाके को घेर कर तलाशी अभियान चलाया, लेकिन प्रारंभिक तौर पर कोई बड़ी सफलता नहीं मिली। 

घायल पुलिसकर्मियों का इलाज, बदमाशों की पहचान

घायल पुलिसकर्मियों को तुरंत सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। सिपाही सुमित कुमार, विकास कुमार, गोविंद कुमार के अलावा अधिकारी भीम पासवान और मृत्युंजय कुमार की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। पुलिस इस घटना के बाद से ही पूरे गांव में बदमाशों की धरपकड़ में जुटी हुई है। चेरो ओपी थाना प्रभारी अबू तालिब अंसारी ने कहा कि कुछ बदमाशों की पहचान कर ली गई है, जिन्होंने पुलिस पर हमला किया। जल्द ही इन सभी बदमाशों को गिरफ्तार किया जाएगा और उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अवैध शराब के खिलाफ पुलिस की मुहिम

बिहार में शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद राज्य के कई इलाकों में अवैध शराब का कारोबार लगातार फल-फूल रहा है। नालंदा जिले के चेरो गांव में पुलिस को लगातार इस बात की सूचना मिल रही थी कि गांव में शराब का अवैध कारोबार चल रहा है। इसी सूचना के आधार पर सोमवार रात को पुलिस ने छापेमारी की योजना बनाई थी। यह पहला मौका नहीं है जब पुलिस को इस तरह के हमलों का सामना करना पड़ा है। बिहार के विभिन्न जिलों में शराब माफिया पुलिस पर हमले कर चुके हैं। पुलिस की कार्रवाई के बावजूद शराब माफिया कानून को धता बताते हुए अपना अवैध कारोबार जारी रखे हुए हैं।

पुलिसकर्मियों पर हमले की प्रवृत्ति

यह घटना बिहार में शराब माफियाओं के बढ़ते आतंक की एक और मिसाल है। शराबबंदी के बाद से राज्य में शराब माफिया पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। पुलिस पर हमले की घटनाएं बताती हैं कि माफिया कितने बेखौफ हो चुके हैं। पुलिस पर पथराव की यह घटना केवल नालंदा तक सीमित नहीं है। बिहार के अन्य जिलों में भी शराब माफिया पुलिस के साथ भिड़ने से नहीं डरते। पिछले कुछ महीनों में राज्य के कई हिस्सों से इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। 

पुलिस पर हमले के पीछे की साजिश

पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि इस हमले के पीछे गांव के कुछ शराब माफिया हैं, जिन्होंने पुलिस को रोकने के लिए ग्रामीणों को उकसाया। इस साजिश के तहत ही अचानक पुलिस पर पत्थर फेंकने की योजना बनाई गई। पत्थरबाजी के दौरान बदमाशों ने मौके का फायदा उठाकर भागने की कोशिश की, जिसमें वे सफल भी हो गए। पुलिस पर हमला करने वाले कई बदमाशों को चिह्नित कर लिया गया है और जल्द ही उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 

बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस का अभियान जारी

घटना के बाद पुलिस ने पूरे गांव को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया। बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कई टीमें बनाकर इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है। पुलिस ने गांव के प्रमुख रास्तों पर भी निगरानी बढ़ा दी है ताकि हमलावरों को गिरफ्तार किया जा सके। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस हमले के दोषियों को हिरासत में लिया जाएगा और उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

शराब माफियाओं के खिलाफ प्रशासन की कड़ी कार्रवाई

बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब माफिया लगातार सक्रिय हैं। प्रशासन लगातार इनके खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, लेकिन माफिया किसी न किसी तरीके से बच निकलते हैं। नालंदा की इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि पुलिस और प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को राज्य में सख्ती से लागू किया है, लेकिन माफिया इसके बावजूद भी अपने अवैध धंधे को जारी रखे हुए हैं। पुलिस के अनुसार, इस घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल है, लेकिन स्थिति को काबू में रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। 

नालंदा में पुलिस पर पथराव की यह घटना बिहार में कानून-व्यवस्था के सामने एक गंभीर चुनौती पेश करती है। शराब माफियाओं का बेखौफ होकर पुलिस पर हमला करना यह दर्शाता है कि राज्य में अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने के लिए प्रशासन को और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। हालांकि पुलिस ने बदमाशों की पहचान कर ली है और गिरफ्तारी के लिए अभियान भी जारी है, लेकिन ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए प्रशासन को सतर्कता बढ़ानी होगी ताकि कानून के खिलाफ जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो सके

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