बिहार के नवादा में घूसखोरी के मामले में दो सिपाही और डॉक्टर गिरफ्तार : SP के निर्देश पर कार्रवाई।
नवादा जिले में घूसखोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस विभाग के दो सिपाही और एक निजी डॉक्टर शामिल पाए गए हैं। हेलमेट नहीं पहनने के आरोप में एक व्यक्ति से घूस लेने के आरोप में इन सिपाहियों और डॉक्टर को नवादा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस घटना ने जिले में सनसनी फैला दी है और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं।
घटना का विवरण
यह मामला 4 सितंबर की रात का है, जब नवादा शहर के खरीदी बिगहा इलाके में डायल-112 पर तैनात दो सिपाही, इंद्रजीत कुमार और सुनील भारती, ने एक व्यक्ति सूरज कुमार को बिना हेलमेट के बाइक चलाते हुए पकड़ा। इसके बाद दोनों सिपाहियों ने सूरज से घूस की मांग की और 10,000 रूपए देने का दबाव डाला। सूरज कुमार ने घबराहट में 8,000 रूपए नगद दिए और शेष 2,000 रूपए यू पी आई के माध्यम से भेजे। यह यू पी आई आईडी एक स्थानीय डॉक्टर पंकज उर्फ निर्मल की थी, जो उनके दोस्त हैं और गांव में निजी डॉक्टर का काम करते हैं।
जांच और गिरफ्तारी
इस पूरे मामले की जानकारी पीड़ित सूरज कुमार ने वरीय पुलिस अधीक्षक (SP) नवादा, अम्बरीष राहुल को दी। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत सदर एसडीपीओ को जांच का आदेश दिया। जांच के दौरान यह पाया गया कि सिपाही इंद्रजीत कुमार और सुनील भारती ने सच में घूस लिया था। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि घूस की राशि डॉक्टर पंकज के खाते में ट्रांसफर किए गए थे।
जांच रिपोर्ट के आधार पर SP अम्बरीष राहुल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही डॉक्टर पंकज उर्फ निर्मल को भी घूसखोरी में सहयोग देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी के बाद की स्थिति
सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। इस घटना के बाद नवादा पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। SP अम्बरीष राहुल ने स्पष्ट किया है कि जिले में किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार या घूसखोरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों को चेतावनी दी है कि अगर कोई अधिकारी या सिपाही इस प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
समाज और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद नवादा के स्थानीय नागरिकों में पुलिस की छवि को लेकर आक्रोश फैल गया है। कई लोगों का मानना है कि पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए उच्चस्तरीय जांच और सतर्कता की आवश्यकता है। स्थानीय व्यापारियों और सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना की निंदा की है और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।
वहीं, पुलिस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस घटना ने विभाग की साख पर बट्टा लगाया है, लेकिन इस मामले में दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई कर यह संदेश दिया गया है कि पुलिस किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेगी।
यह घटना एक बार फिर से इस बात को रेखांकित करती है कि भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है, जो समाज के हर हिस्से में जड़ें जमाए हुए है। हालांकि, नवादा पुलिस की त्वरित कार्रवाई से यह स्पष्ट हुआ है कि कानून के हाथ लंबे हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। नवादा एसपी की सक्रियता और कार्रवाई ने इस प्रकार की अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों को एक कड़ा संदेश दिया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।