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सासाराम में 50 एकड़ सरकारी जमीन की जमाबंदी रद्द, राजस्व कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी:

 सासाराम में 50 एकड़ सरकारी जमीन की जमाबंदी रद्द, राजस्व कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी:

सासाराम, बिहार: सासाराम जिले में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा और गलत तरीके से जमाबंदी कराने के मामले ने जोर पकड़ लिया है। जिला प्रशासन ने 50 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि की जमाबंदी रद्द कर दी है। इस मामले में संबंधित अंचलाधिकारियों (CO) और राजस्व कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है।

जमाबंदी का अवैध खेल:

जिला प्रशासन की जांच में खुलासा हुआ है कि जिन व्यक्तियों को सरकारी जमीन की आवश्यकता नहीं थी, उन्होंने भी गलत तरीके से नियमों को दरकिनार करते हुए जमाबंदी कराई। यह प्रक्रिया अंचल कार्यालयों और राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से पूरी की गई थी। अधिकारियों ने भूमि नियमों की अनदेखी करते हुए बड़ी मात्रा में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कराया।

अपर समाहर्ता ने रद्द की जमाबंदी:

सासाराम के अपर समाहर्ता सह अपर जिला दंडाधिकारी द्वारा इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए संबंधित मामलों की सुनवाई की गई। जांच और सुनवाई के बाद राजपुर अंचल क्षेत्र में 50 एकड़ से अधिक जमीन की जमाबंदी रद्द की गई। इसके साथ ही चेनारी, सासाराम, कोचस, डेहरी, और दावथ अंचलों में भी अवैध जमाबंदी के मामलों की जांच की जा रही है।

राजपुर और चेनारी में सबसे अधिक मामले:

जिला प्रशासन के अनुसार, राजपुर अंचल में सबसे अधिक 50 एकड़ जमीन पर अवैध जमाबंदी के मामले पाए गए हैं। इसके अलावा चेनारी अंचल में भी कई एकड़ जमीन पर कब्जे की जमाबंदी रद्द की गई है। इन अंचलों में जमीन पर कब्जा कराने में स्थानीय अधिकारियों और कर्मचारियों की बड़ी भूमिका रही है।

अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी:

जिले में अंचल अधिकारियों और राजस्व विभाग के कर्मचारियों की भूमिका की गहन जांच की जा रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, नियमों की अनदेखी कर सरकारी जमीन की जमाबंदी कराने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई:

यह पहली बार नहीं है जब सरकारी जमीन की जमाबंदी रद्द की गई हो। अपर समाहर्ता ने इससे पहले भी 20-25 एकड़ सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी रद्द की थी। तब भी जिले में इस मुद्दे को लेकर हलचल मची थी। इस बार 50 एकड़ से अधिक जमीन की रद्द की गई जमाबंदी ने प्रशासन के सख्त इरादे स्पष्ट कर दिए हैं।

सरकारी जमीन की सुरक्षा पर जोर:

अपर समाहर्ता ने साफ किया है कि सरकारी जमीन पर किसी भी तरह का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे सभी व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया है।

जनता की प्रतिक्रिया:

इस कार्रवाई के बाद सासाराम में अवैध जमाबंदी कराने वाले व्यक्तियों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। वहीं, आम जनता ने जिला प्रशासन के इस कदम की सराहना की है। लोगों का मानना है कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा विकास कार्यों में बाधा डालता है।

भविष्य की कार्रवाई:

जिला प्रशासन ने इस तरह के सभी मामलों की विस्तृत जांच कराने का निर्णय लिया है। संबंधित अंचलों में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों की सूची तैयार की जा रही है। दोषियों पर प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम सरकारी जमीन की सुरक्षा और अवैध कब्जों पर लगाम लगाने की दिशा में बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।

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