नवादा: ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर बच्चों की इंट्री में लापरवाही पर डीएम ने की सख्त कार्रवाई की चेतावनी
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नवादा के डीएम रवि प्रकाश |
क्या है मामला?
डीईओ ने बताया कि नवादा जिले के सभी निजी विद्यालयों को पहले ही यह निर्देश दिया गया था कि:
1. ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर सभी बच्चों के नामांकन की प्रविष्टि की जाए।
2. यू-डायस पोर्टल (Unified District Information System for Education) पर बच्चों के शैक्षणिक प्रगति की जानकारी अपडेट की जाए।
3. प्रत्येक छात्र की APAAR ID (Unique ID) बनाई जाए।
हालांकि, बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद अधिकांश निजी विद्यालयों ने अपेक्षित प्रगति नहीं दिखाई है। समीक्षा के दौरान पाया गया कि कई विद्यालयों ने अब तक 10% बच्चों की भी जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की है।
डीएम का सख्त रुख
समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर बच्चों की प्रविष्टि में लापरवाही न केवल सरकारी आदेशों का उल्लंघन है, बल्कि यह बच्चों के शैक्षणिक अधिकारों की अनदेखी भी है। डीएम ने डीईओ को निर्देशित किया कि:
1. 10% से कम प्रविष्टि करने वाले विद्यालयों की सूची तुरंत तैयार की जाए।
2. ऐसे सभी विद्यालयों की प्रस्वीकृति (मान्यता) रद्द करने की कार्रवाई प्रारंभ की जाए।
3. विद्यालय प्रबंधन से अंतिम बार स्पष्टीकरण मांगने की प्रक्रिया शुरू की जाए।
निजी विद्यालयों की लापरवाही पर प्रशासन सख्त
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि इन निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पहले कई चरणों में चेतावनी जारी की गई थी। लेकिन बावजूद इसके, निजी विद्यालयों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। डीएम ने कहा कि सरकार द्वारा लागू ई-शिक्षाकोष प्रणाली का उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। इसमें लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डीएम की चेतावनी
जिलाधिकारी ने कहा कि यदि कोई विद्यालय ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर बच्चों की प्रविष्टि नहीं करता है, तो उनकी मान्यता रद्द करने के साथ-साथ अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कदम बच्चों और उनके अभिभावकों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए उठाया जा रहा है।
क्या है ई-शिक्षाकोष पोर्टल?
ई-शिक्षाकोष पोर्टल एक ऑनलाइन प्रणाली है, जिसके माध्यम से सभी स्कूलों को अपने छात्रों की जानकारी अपलोड करनी होती है। इसका उद्देश्य:
1. बच्चों के नामांकन और प्रगति पर निगरानी रखना।
2. शिक्षा विभाग को वास्तविक समय में डेटा प्रदान करना।
3. सरकारी योजनाओं का लाभ छात्रों तक पहुंचाना।
निजी विद्यालयों के लिए अल्टीमेटम
बैठक के अंत में डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि जिन विद्यालयों की प्रगति असंतोषजनक है, उन्हें अगले 7 दिनों के भीतर सुधारात्मक कदम उठाने होंगे। अन्यथा उनकी मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।
अभिभावकों और समाज की भूमिका
इस संदर्भ में, डीएम ने अभिभावकों और समाज से भी अपील की कि वे बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहें और यदि किसी विद्यालय में गड़बड़ी का संदेह हो, तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें।
निष्कर्ष
नवादा प्रशासन की यह पहल शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने और सभी बच्चों को समुचित सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। निजी विद्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे सरकारी निर्देशों का पालन करें, अन्यथा उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।