नवादा में "नो हेलमेट, नो पेट्रोल" अभियान के तहत की जा रही जांच
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नो हेलमेट, नो पेट्रोल |
पेट्रोल पंपों पर सुविधाओं की जांच:
जिला परिवहन पदाधिकारी नवीन कुमार पाण्डेय ने बताया कि पेट्रोल पंपों पर निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कई पंपों में शौचालय, यूरिनल और पेयजल जैसी सुविधाओं का अभाव था। पेट्रोल पंपों के आवंटन के समय यह शर्त अनिवार्य होती है कि प्रत्येक पंप पर पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था हो और साथ ही पीने के पानी की सुविधा भी उपलब्ध हो। हालांकि, निरीक्षण में कई पंपों पर यह सुविधाएं अनुपलब्ध पाई गईं। कुछ पंपों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय या यूरिनल की व्यवस्था नहीं थी, तो कुछ पंपों पर शौचालयों में ताला लगा हुआ था।
एक सप्ताह का समय दिया गया:
जांच में सामने आई कमियों को लेकर पेट्रोल पंप मालिकों और संचालकों को एक सप्ताह का समय दिया गया है, ताकि वे सभी जरूरी सुविधाओं को सुनिश्चित कर सकें। इस अवधि में पंप संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वे शौचालयों, यूरिनल, पानी की व्यवस्था और अन्य आवश्यक सेवाओं की स्थिति को सुधारें। यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर सुविधाएं सही नहीं की जातीं, तो पेट्रोल पंपों के लाइसेंस को निलंबित करने पर विचार किया जाएगा।
अन्य जांच बिंदु:
निरीक्षण के दौरान पेट्रोल पंपों पर कई अन्य सुविधाओं की भी जांच की जा रही है, जिनमें स्वच्छता, आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता, ग्राहकों की सुविधा के लिए अन्य व्यवस्थाएं और पंप की सही रख-रखाव शामिल हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पंपों पर सभी सुरक्षा मानकों का पालन हो और ग्राहकों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
इस अभियान का उद्देश्य नवादा जिले में पेट्रोल पंपों पर सुरक्षा मानकों और सुविधाओं को सुधारना है, ताकि जनता को बेहतर सेवाएं मिल सकें और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सके। जिला प्रशासन ने पंप संचालकों को सख्त चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय में सुधार नहीं किया गया, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।