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बिहार में भूकंप का खतरा: 50 दिनों में तीसरी बार हिली धरती, नेपाल बना केंद्र

 बिहार में भूकंप का खतरा: 50 दिनों में तीसरी बार हिली धरती, नेपाल बना केंद्र

पटना: बिहार में भूकंप का सिलसिला जारी है। बीते 50 दिनों में तीसरी बार राज्य की धरती कांपी, जिससे लोग भयभीत होकर घरों से बाहर निकल आए। ताजा घटना गुरुवार मध्य रात्रि की है, जब बिहार के किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, सहरसा, सुपौल, खगड़िया, बेगूसराय, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पटना और सीवान जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए।

मौसम विभाग के अनुसार, भूकंप का केंद्र नेपाल का लिस्टीकोर्ट इलाका था, और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई। यह झटके लगभग 10 से 12 सेकंड तक महसूस किए गए, जिससे लोग अचानक जाग गए और घबराहट में घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, इस भूकंप से किसी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई है, लेकिन प्रशासन ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है।

भूकंप का असर और लोगों की प्रतिक्रिया

गुरुवार की रात जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे, तब अचानक धरती डोलने लगी। कई इलाकों में लोगों ने देखा कि पंखे हिल रहे थे, खिड़कियों में कंपन हो रही थी और बिस्तर भी हिल रहा था। इस दौरान, लोगों ने शोर मचाकर अपने परिवार और पड़ोसियों को जगाया और सुरक्षित स्थानों पर भागने लगे।

पूर्णिया निवासी अनिल कुमार ने बताया, "रात के करीब 12:30 बजे अचानक महसूस हुआ कि बिस्तर हिल रहा है। पहले लगा कि सपना देख रहा हूँ, लेकिन जब पंखा भी हिलने लगा, तो तुरंत बाहर भागा। पड़ोसी भी डर के मारे बाहर आ गए।"

मधुबनी की गीता देवी ने कहा, "भूकंप का एहसास होते ही मैं बच्चों को उठाकर घर से बाहर भागी। यह बहुत डरावना था।"

कई लोगों ने कहा कि भूकंप का झटका हल्का था, लेकिन यह चिंता बढ़ाने वाला है क्योंकि यह लगातार तीसरी बार हुआ है।

50 दिनों में तीसरी बार भूकंप: बिहार में क्यों बढ़ रही है भूकंपीय गतिविधि?

1. 17 फरवरी को बिहार में भूकंप

इससे पहले 17 फरवरी की सुबह बिहार के कई जिलों में भूकंप आया था। मौसम विभाग के अनुसार, उस भूकंप का केंद्र सीवान जिला था और इसकी तीव्रता 4.0 रिक्टर स्केल पर मापी गई थी। तब भी लोग घबराकर अपने घरों से बाहर आ गए थे।

2. 7 जनवरी को भूकंप के झटके

इसके पहले, 7 जनवरी को बिहार में तीन बार भूकंप महसूस किया गया था। सुबह एक बार और शाम को दो बार झटके आए थे।

सुबह की तीव्रता अधिक थी, जिससे लोगों में दहशत फैल गई।

शाम 5:20 बजे और 5:26 बजे भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए।

इस भूकंप का केंद्र तिब्बत के जिजांग इलाके में था, जहां जमीन के 10 किमी नीचे इसका स्रोत था।

लगातार हो रहे भूकंप से वैज्ञानिक और विशेषज्ञ चिंता में हैं।

क्या कहता है मौसम विभाग और भूकंप वैज्ञानिकों का विश्लेषण?

भूकंप विज्ञानियों के अनुसार:

बिहार भूकंप संभावित क्षेत्र (Seismic Zone 4 और 5) में आता है।

नेपाल और तिब्बत के टेक्टोनिक प्लेटों में हलचल के कारण बिहार और उत्तर भारत में भूकंप के झटके आते रहते हैं।

गंगा और कोसी नदी के क्षेत्रों में भूगर्भीय हलचल अधिक होती है, जिससे इस क्षेत्र में भूकंप का खतरा बना रहता है।

भविष्य में और भूकंप का खतरा?

मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में और भी हल्के झटके महसूस किए जा सकते हैं। लोगों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है।

भूकंप से बचाव के लिए क्या करें?

अगर भूकंप आता है, तो इन सावधानियों को अपनाएं:

✅ भूकंप के दौरान:

1. तुरंत खुले स्थान पर जाएं – बिल्डिंग, पुल, बिजली के खंभों से दूर रहें।

2. मजबूत चीज के नीचे छिपें – जैसे कि टेबल, बेड या दीवार के कोने।

3. लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, सीढ़ियों से उतरें।

4. खिड़की, शीशे और ऊँचे फर्नीचर से दूर रहें।

✅ भूकंप के बाद:

1. अपने और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

2. गैस, बिजली और पानी की लाइन चेक करें – किसी तरह की लीकेज हो तो तुरंत बंद करें।

3. अफवाहों पर ध्यान न दें, सिर्फ सरकारी सूचना पर विश्वास करें।

बिहार सरकार और प्रशासन की तैयारी

लगातार हो रहे भूकंपों के बाद बिहार सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट पर रखा है।

आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें हाई अलर्ट पर हैं।

अस्पतालों और राहत केंद्रों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

बिहार सरकार भूकंप रोधी भवन निर्माण और आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर भी जोर दे रही है, ताकि भविष्य में जान-माल की हानि को कम किया जा सके।

 बढ़ती भूकंपीय गतिविधियाँ चिंता का विषय

बिहार में पिछले 50 दिनों में तीन बार भूकंप आ चुका है, जिससे लोग डरे हुए हैं। मौसम विभाग और वैज्ञानिकों के अनुसार, नेपाल और तिब्बत की टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल के कारण बिहार के कई जिलों में बार-बार झटके महसूस किए जा रहे हैं। हालांकि, अब तक किसी बड़ी क्षति की खबर नहीं है, लेकिन लोगों को सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।

➡ भविष्य में और भी भूकंप आ स

कते हैं, इसलिए बिहार सरकार और प्रशासन को आपदा प्रबंधन की तैयारियों को मजबूत करना होगा।




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