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बिहार में भूमि सर्वेक्षण कार्य को मिली नई रफ्तार, 8 प्रमंडलों में सर्वर स्थापित, पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर

 बिहार में भूमि सर्वेक्षण कार्य को मिली नई रफ्तार, 8 प्रमंडलों में सर्वर स्थापित, पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर

पटना: बिहार में भूमि सर्वेक्षण (Bihar Land Survey) की प्रक्रिया तेज गति से आगे बढ़ रही है। सरकार भूमि सर्वे को समय पर पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इस दौरान आई तकनीकी बाधाओं को दूर करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। राज्य के 9 में से 8 प्रमंडलों में सर्वर स्थापित कर दिए गए हैं और वे कार्यशील हो चुके हैं। शेष एकमात्र सारण प्रमंडल का सर्वर भी जल्द सक्रिय हो जाएगा, जिससे पूरे राज्य में सर्वेक्षण कार्य को और गति मिलेगी।

सर्वर अपग्रेडेशन से सर्वे में तेजी

बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए तकनीकी सुधारों को प्राथमिकता दी है। जानकारी के अनुसार, 9 प्रमंडलों में से 8 में अलग-अलग सर्वर स्थापित कर दिए गए हैं, जिससे सर्वेक्षण कार्य में आ रही बाधाएं काफी हद तक दूर हो गई हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि आज शाम तक सारण प्रमंडल का सर्वर भी पूरी तरह कार्यशील हो जाएगा।

सर्वर अपग्रेड होने से सर्वे अमीनों द्वारा तेरीज (भूमि रजिस्टर) का डाटा अपलोड करने और रैयतों (भूमि मालिकों) द्वारा स्वघोषणा (Self-Declaration) ऑनलाइन दर्ज कराने की प्रक्रिया सुगम हो जाएगी। इससे भूमि रिकॉर्ड में पारदर्शिता आएगी और लोगों की शिकायतों का त्वरित समाधान किया जा सकेगा।

भूमि सर्वेक्षण की जिलावार समीक्षा

राज्य सरकार भूमि सर्वेक्षण कार्यों की नियमित समीक्षा कर रही है। भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने शास्त्रीनगर स्थित राजस्व सर्वेक्षण प्रशिक्षण संस्थान में जिलावार समीक्षा बैठक की। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में 18 जिलों में भूमि सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है, जिसमें दरभंगा जिला सबसे आगे चल रहा है।

अब तक कितनी स्वघोषणाएं दर्ज हुईं?

दरभंगा में 7,50,989 स्वघोषणाएं प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 6,30,832 रैयतों ने स्वयं ऑनलाइन माध्यम से दर्ज कराई हैं।

राजधानी पटना में 3,30,334 स्वघोषणाएं प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 1,53,375 ऑनलाइन दर्ज हुईं, जबकि 1,76,959 ऑफलाइन मोड में दर्ज की गईं।

सर्वे कर्मियों ने अब तक 1,38,899 स्वघोषणाएं ऑनलाइन अपलोड की हैं, जबकि शेष 38,060 स्वघोषणाएं अभी अपलोड की जानी बाकी हैं।

डिजिटल तकनीक से सर्वेक्षण को पारदर्शी बनाने की योजना

राज्य सरकार भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने की योजना पर कार्य कर रही है। सर्वर अपग्रेडेशन के साथ-साथ सर्वे कर्मचारियों को आधुनिक तकनीक से प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वे अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभा सकें।

भूमि सर्वेक्षण से जुड़े प्रमुख लाभ:

1. तेजी से डेटा अपलोड: सर्वर अपग्रेडेशन से भूमि स्वामित्व संबंधी सूचनाओं को अपलोड करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी।

2. शिकायतों का त्वरित समाधान: रैयतों द्वारा दर्ज कराई गई स्वघोषणाओं की जांच और समाधान की प्रक्रिया पारदर्शी होगी।

3. भू-अभिलेखों की पारदर्शिता: डिजिटल सर्वेक्षण से भूमि रिकॉर्ड को आसानी से ऑनलाइन एक्सेस किया जा सकेगा।

4. भ्रष्टाचार पर रोक: स्वघोषणा प्रक्रिया ऑनलाइन होने से बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

आगे की योजना:

सरकार आने वाले दिनों में भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और स्वचालित बनाने की दिशा में काम कर रही है। इससे बिहार की भू-अभिलेख प्रणाली को सुदृढ़ करने और भूमि विवादों को कम करने में मदद मिलेगी।

Bihar Land Survey: एक ऐतिहासिक सुधार की ओर

बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण कार्य को और प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। सर्वर अपग्रेडेशन और डिजिटल प्रक्रिया को अपनाने से न केवल सर्वेक्षण में तेजी आएगी, बल्कि रैयतों को भी अपनी जमीन से जुड़ी जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी।


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