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बिहार कैबिनेट विस्तार: दिलीप जायसवाल इस्तीफे की वर्तनी पर सियासी तंज, संभावित मंत्रियों की सूची जारी

 बिहार कैबिनेट विस्तार: दिलीप जायसवाल इस्तीफे की वर्तनी पर सियासी तंज, संभावित मंत्रियों की सूची जारी

 दिलीप जायसवाल फाइल फोटो S BIHAR NEWS 12 
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया ने राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। इस विस्तार से पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कोटे से सात नए मंत्रियों के संभावित नाम सामने आए हैं, जिनमें कृष्ण कुमार मंटू, विजय मंडल, राजू सिंह, संजय सरावगी, जीवेश मिश्रा, मोती लाल, और कविता पासवान शामिल हैं। कविता पासवान को भाजपा के महिला और दलित चेहरे के रूप में देखा जा रहा है, जो कोढ़ा सीट से विधायक हैं।

इस्तीफा पत्र 
कैबिनेट विस्तार से ठीक पहले, भाजपा नेता और मंत्री दिलीप जायसवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे का पत्र सुर्खियों में है, क्योंकि उसमें कई वर्तनी की अशुद्धियाँ पाई गईं। पत्र में 'बिहार' को 'विहार', 'सूचित' को 'सुचित', 'डॉ.' को 'डा.', 'इस्तीफा' को 'इस्तिफा', और 'कार्रवाई' को 'कार्रवायी' लिखा गया है। इस पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री को दो लाइन का त्यागपत्र भी सही से लिखना नहीं आता। राजद ने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने 'बिहार' तक सही नहीं लिखा है, जबकि वे एक मेडिकल कॉलेज के मालिक भी हैं।

इस आलोचना के जवाब में, दिलीप जायसवाल ने कहा कि उन्होंने 'बिहार' सही से लिखा है और राजद के पास कोई काम नहीं है, इसलिए वे इस तरह की बातें कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राजद को बिंदी दिखाई नहीं पड़ती है।

इस घटनाक्रम के बीच, नीतीश कैबिनेट के नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह आज शाम चार बजे राज्यपाल द्वारा आयोजित किया जाएगा। इस कैबिनेट विस्तार में भाजपा के सात नए मंत्रियों के शामिल होने की संभावना है, जो सरकार में पार्टी की भागीदारी को और मजबूत करेंगे।

कविता पासवान के शामिल होने से भाजपा को महिला और दलित समुदायों में अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिलेगी। वहीं, अन्य संभावित मंत्रियों के नामों से पार्टी के विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों में संतुलन साधने की कोशिश की गई है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का नाम भी चर्चा में था, लेकिन वे मंत्री बनने की दौड़ में पिछड़ते दिख रहे हैं। इससे पार्टी के अंदरूनी समीकरणों और संतुलन पर भी सवाल उठ रहे हैं।

कुल मिलाकर, बिहार में यह कैबिनेट विस्तार राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, जो राज्य की राजनीति में नए समीकरण और संतुलन स्थापित करेगा। भाजपा और जदयू के बीच सहयोग और समन्वय को भी यह विस्तार नई दिशा देगा।


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