राहुल गांधी को गोली मारने की धमकी, भाजपा नेता के खिलाफ केस दर्ज – कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना
केरल की राजनीति इन दिनों एक विवादित बयान को लेकर गरमाई हुई है। भाजपा नेता प्रिंटू महादेवन के खिलाफ केरल पुलिस ने मामला दर्ज किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक टीवी डिबेट के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को गोली मारने जैसी टिप्पणी की।
क्या कहा था भाजपा नेता ने?
26 सितंबर को एक मलयालम न्यूज चैनल पर बांग्लादेश और नेपाल में हुए विरोध प्रदर्शनों को लेकर चर्चा चल रही थी। इसी दौरान प्रिंटू महादेवन ने कहा –
"भारत में ऐसा संभव नहीं है, क्योंकि यहां जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मजबूती से खड़ी है। अगर राहुल गांधी को इस तरह की कोई इच्छा है, तो गोलियां उनके सीने को चीर देंगी।"
इस बयान ने राजनीतिक माहौल को हिला दिया और कांग्रेस ने इसे राहुल गांधी की जान को खुली धमकी बताया।
कांग्रेस का गुस्सा, केरल में प्रदर्शन
बयान के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूरे केरल में विरोध प्रदर्शन किया। जगह-जगह भाजपा और महादेवन के खिलाफ नारेबाजी की गई। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह महज़ बयान नहीं, बल्कि विपक्ष की आवाज़ दबाने की कोशिश है।
किन धाराओं में दर्ज हुआ केस?
कांग्रेस नेता श्रीकुमार सीसी की शिकायत पर पेरामंगलम पुलिस ने महादेवन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है –
धारा 192 : दंगे भड़काने के इरादे से उकसाना
धारा 353 : शांति भंग करने के इरादे से अपमान करना
धारा 351(2) : आपराधिक धमकी देना
पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और टीवी चैनल का वीडियो सबूत के तौर पर लिया गया है।
केसी वेणुगोपाल ने शाह को लिखा पत्र
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस धमकी को “बड़ी साजिश” बताया। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर महादेवन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
वेणुगोपाल ने आरोप लगाया –
"यह एक खुली धमकी है। भाजपा चुप्पी साधे हुए है और गृह मंत्रालय भी कोई जवाब नहीं दे रहा।"
भाजपा की चुप्पी पर उठे सवाल
कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा इस मामले को हल्के में ले रही है। राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनावी साल में ऐसे विवादित बयान राजनीतिक माहौल को और गरमा सकते हैं।
राहुल गांधी को लेकर भाजपा नेता की टिप्पणी अब कानूनी, राजनीतिक और जनआंदोलन – तीनों स्तरों पर चर्चा का विषय बन चुकी है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है, खासकर तब जब कांग्रेस लगातार भाजपा और केंद्र सरकार पर दबाव बनाए हुए है।

