विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, परिजनों ने ससुराल वालों पर लगाया हत्या का आरोप — बोले, “दहेज की कर रहे थे मांग”
नवादा ज़िले में एक बार फिर दहेज प्रथा ने एक और बेटी की जान ले ली है। मामला परना डाबर थाना क्षेत्र के बनियाडी गांव का है, जहाँ 27 वर्षीय विवाहिता अंशु कुमारी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। मृतका के परिजनों ने ससुराल वालों पर गला दबाकर हत्या करने का गंभीर आरोप लगाया है, जबकि ससुराल पक्ष इस मौत को आत्महत्या बता रहा है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।
🔸 दो साल पहले हुआ था विवाह, एक साल का बेटा भी है
मृतका की पहचान परना डाबर थाना क्षेत्र के बेरिया गांव निवासी विष्णु प्रसाद की बेटी अंशु कुमारी के रूप में हुई है। अंशु की शादी दो वर्ष पूर्व अर्जुन यादव के बेटे छोटू कुमार से बनियाडी गांव में हुई थी। शादी के बाद अंशु एक बच्चे की मां बनी, लेकिन सुखद दांपत्य जीवन के सपने ज्यादा दिन नहीं टिक सके।
🔸 “गला दबाकर की हत्या, झूठ बोला कि जहर खा लिया”
अंशु के भाई रंजन कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें फोन पर सूचना दी गई कि अंशु ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है। लेकिन जब वे मौके पर पहुंचे, तो उन्हें बहन के गले पर दबाव के स्पष्ट निशान दिखाई दिए।
रंजन कुमार ने कहा —
> “मेरी बहन की हत्या की गई है। ससुराल वाले शुरू से ही दहेज में मोटरसाइकिल और नकद पैसे की मांग कर रहे थे। कई बार पंचायत भी हुई, लेकिन उन्होंने प्रताड़ित करना बंद नहीं किया। हमें पूरी तरह यकीन है कि उन्होंने गला दबाकर उसे मार डाला और कहानी बनाई कि उसने जहर खाया है।”
🔸 परिजनों का आरोप — “शादी के बाद से चल रही थी प्रताड़ना”
परिजनों का कहना है कि शादी के तुरंत बाद से ही ससुराल पक्ष की मांगें बढ़ती गईं। पहले बाइक, फिर पचास हजार रुपये की मांग की जाने लगी। इन मांगों को पूरा न कर पाने पर अंशु को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था।
परिजनों का यह भी कहना है कि अंशु ने कई बार फोन पर बताया था कि ससुराल वाले उसे “दहेज नहीं लाने” पर घर से निकाल देने की धमकी देते हैं।
🔸 पुलिस ने शव को भेजा पोस्टमॉर्टम के लिए
घटना की जानकारी मिलते ही परना डाबर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर नवादा सदर अस्पताल भेज दिया।
पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
थाना प्रभारी ने बताया —
> “मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का असली कारण स्पष्ट हो पाएगा। परिजनों के लिखित आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
🔸 ससुराल पक्ष ने लगाया उल्टा आरोप — “अंशु ने खुद जहर खाया”
वहीं दूसरी ओर ससुराल पक्ष ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। मृतका के पति छोटू कुमार ने कहा कि
> “अंशु मानसिक रूप से तनाव में रहती थी। कल उसने खुद ही जहर खा लिया। हमने तुरंत इलाज के लिए प्रयास किया, लेकिन वह नहीं बच सकी।”
ससुराल पक्ष का कहना है कि उनका दहेज से कोई संबंध नहीं है, बल्कि यह एक आकस्मिक घटना है।
🔸 पुलिस जांच में जुटी, परिजनों ने न्याय की लगाई गुहार
मृतका के परिजनों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि यदि समय पर निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो वे आंदोलन करने को भी तैयार हैं।
अंशु के पिता विष्णु प्रसाद ने रोते हुए कहा —
> “हमने बेटी को बड़े प्यार से पाला था। हमें लगा कि अब उसका जीवन सुरक्षित है, लेकिन उसकी लाश ही घर आई। हमें केवल न्याय चाहिए।”
🔸 दहेज हत्या के मामलों पर फिर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर दहेज प्रथा और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कानूनन दहेज मांगना अपराध है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में अब भी यह सामाजिक बुराई अपनी जड़ें मजबूत किए हुए है।
हर साल सैकड़ों बेटियां केवल इसलिए जान गंवा देती हैं क्योंकि वे या उनके परिजन ससुराल की “मांगें” पूरी नहीं कर पाते।
🔸 स्थानीय लोगों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
स्थानीय ग्रामीणों ने भी इस घटना पर गहरा रोष जताया है। लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं समाज पर कलंक हैं और पुलिस को तुरंत गिरफ्तारी करनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई बेटी ऐसी निर्दयता का शिकार न बने।
फिलहाल पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और परिजनों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है।
अब देखना यह है कि जांच में यह मामला हत्या साबित होता है या आत्महत्या, लेकिन इतना तय है कि अंशु कुमारी की मौत ने नवादा में एक बार फिर दहेज की विभीषिका को उजागर कर दिया है।

