कौआकोल के कृषि विज्ञान केंद्र शेखेदेवरा में हाथियों का उत्पात, 150 फीट दीवार तोड़ी
नवादा जिले के कौआकोल प्रखंड अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र, शेखेदेवरा में शुक्रवार देर रात हाथियों का कहर देखने को मिला। रात के अंधेरे में जंगल से भटककर आए लगभग 30 से 32 जंगली हाथियों के झुंड ने केंद्र परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की और इस दौरान सुरक्षा के लिए बनी लगभग 150 फीट लंबी चहारदीवारी को जोरदार धक्का मारते हुए तोड़ दिया।
कृषि विज्ञान केंद्र को बड़ा नुकसान
कृषि विज्ञान केंद्र ग्राम निर्माण मंडल परिसर में संचालित होता है, जहां किसानों को बीज उत्पादन, उन्नत कृषि तकनीक और फलदार पौधों की उपलब्धता कराई जाती है। यह केंद्र हजारों किसानों के लिए जीवनरेखा की तरह काम करता है। दीवार टूटने से:
- केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित हो गई है।
- रबी सीजन की तैयार फसलों पर खतरा बढ़ गया है।
- नर्सरी में लगे पौधों और बीज भंडारण स्थल को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है।
स्थल निरीक्षण के दौरान क्या बोले पदाधिकारी?
ग्रामीण निर्माण मंडल के प्रधान महासचिव अरविंद कुमार ने घटना स्थल का निरीक्षण करते हुए बताया कि हाथियों ने दीवार के बहुत बड़े हिस्से को ध्वस्त कर दिया है जिससे केंद्र की सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की।
“यदि जल्द ही दीवार का पुनर्निर्माण नहीं हुआ तो किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।” — अरविंद कुमार
हाथियों को भगाने में रातभर लगी टीम
घटना की रात केंद्र के कर्मचारी और वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई। हाथियों को परिसर से दूर ले जाने के लिए मशाल जलाकर उन्हें भगाया गया।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि मशालों की रोशनी और आवाज के कारण हाथी आगे बढ़े लेकिन ज्यादा नुकसान किए बिना लौट गए। यदि समय रहते टीम सक्रिय नहीं होती तो:
- नर्सरी पूरी तबाह हो सकती थी,
- अन्य संरचनाएँ भी ढह सकती थीं,
- किसानों को लाखों का नुकसान हो सकता था।
वन विभाग की प्रतिक्रिया
वन विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की कि हाथियों की आवाजाही पिछले कुछ हफ्तों से बढ़ी है। अधिकारियों ने कहा कि हाथियों के माइग्रेशन रूट में परिवर्तन देखा जा रहा है जिससे गांवों तक उनका पहुंचना सामान्य बात हो गई है।
स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई
प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। साथ ही वन विभाग के साथ समन्वय बनाकर हाथियों के आवागमन पर रोक लगाने के तरीकों पर विचार किया जा रहा है। प्रशासन जल्द ही:
- क्षतिग्रस्त दीवार के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव भेजेगा,
- केंद्र परिसर की सुरक्षा बढ़ाने के उपाय करेगा,
- जंगल क्षेत्र में हाथियों के मार्ग को चिह्नित करेगा।
मानव-वन्यजीव संघर्ष का बढ़ता खतरा
यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि नवादा जिले में जंगल और कृषि क्षेत्र का संपर्क बढ़ने से मानव-वन्यजीव संघर्ष भी तेजी से बढ़ रहा है।
किसान और स्थानीय प्रशासन दोनों चाहते हैं कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और किसानों की सुरक्षा एवं कृषि कार्य प्रभावित न हों।

