डॉ. प्रेम कुमार बने
बिहार विधानसभा के नए स्पीकर — निर्विरोध चयन लगभग तय
पटना, 1 दिसंबर 2025: बिहार विधानसभा के नए स्पीकर पद के लिए भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने सोमवार को विधानसभा सचिवालय में अपना नामांकन दाखिल कर दिया।
उनके नामांकन के साथ ही 18वीं बिहार विधानसभा के स्पीकर के रूप में उनका निर्विरोध चयन लगभग तय माना जा रहा है क्योंकि विपक्ष ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है।
243 सीटों में एनडीए के पास 202, विपक्ष के पास 35 विधायक
बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, जिनमें एनडीए के 202 विधायक हैं, जबकि महागठबंधन के पास केवल 35 विधायक हैं। ऐसे में प्रेम कुमार का निर्विरोध निर्वाचन लगभग निश्चित है।
नामांकन की अंतिम तिथि 1 दिसंबर शाम 3 बजे तक थी और 2 दिसंबर को विधानसभा में स्पीकर का औपचारिक निर्वाचन होगा। इस प्रक्रिया की अध्यक्षता प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव करेंगे।
एनडीए में सहमति — स्पीकर भाजपा का, उप-स्पीकर जदयू का
एनडीए के भीतर सहमति बनी है कि स्पीकर पद भाजपा को और उप-स्पीकर पद जदयू को मिलेगा।
प्रेम कुमार — 9वीं बार विधायक और अनुभवी नेता
डॉ. प्रेम कुमार बिहार के सबसे वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं में से एक हैं। वे गया टाउन विधानसभा सीट से विधायक हैं और लगातार 9वीं बार निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने नीतीश सरकार में कई कार्यकाल तक कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया है।
विधानसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने में उनके अनुभव और संयम को काफी महत्व दिया जा रहा है।
18वीं विधानसभा का विशेष सत्र शुरू
1 दिसंबर से 18वीं बिहार विधानसभा का विशेष सत्र भी शुरू हो गया है। इस दौरान प्रोटेम स्पीकर ने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई। कई सदस्यों की शपथ मंगलवार को होगी।
इस सत्र में कुल पांच बैठकें होंगी — 3 दिसंबर को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे। इसके बाद दूसरा अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया जाएगा और बजट पर बहस के बाद विनियोग विधेयक पारित किया जाएगा।
राजनीतिक स्थिरता और नई ऊर्जा की उम्मीद
यह सत्र हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों के बाद आयोजित हो रहा है, जहाँ एनडीए ने पूर्ण बहुमत (202 सीटें) हासिल की हैं।
प्रेम कुमार के नेतृत्व में विधानसभा के सुचारू संचालन और स्थिरता की उम्मीद जताई जा रही है। उनके अनुभव से एनडीए को आगामी विधायी कार्यों को सहजता से पारित कराने में मदद मिलेगी।
नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण और स्पीकर का निर्विरोध चयन राज्य की राजनीतिक स्थिरता को और मजबूत करेगा।
इस विशेष सत्र के दौरान राज्य के प्रशासनिक और विकास कार्यों से जुड़े अहम निर्णय भी लिए जाएंगे, जिन्हें बिहार की नई शासन व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

