नवादा के लोगों के लिए खुशखबरी! हिसुआ बाईपास को मिली मंजूरी, जाम से मिलेगी मुक्ति
हिसुआ (नवादा): बिहार के नवादा जिले के लिए एक ऐतिहासिक दिन आया है। वर्षों से जाम, भीड़भाड़ और अव्यवस्थित ट्रैफिक की समस्या से जूझ रहे हिसुआ शहर को आखिरकार राहत मिलने वाली है। बिहार सरकार की कैबिनेट ने हिसुआ बाईपास सड़क निर्माण को स्वीकृति दे दी है। लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह बाईपास शहर के विकास और यातायात व्यवस्था को पूरी तरह बदल देगा।
यह बाईपास बोधगया–राजगीर फोरलेन सड़क से जुड़ते हुए बगोदर गाँव और उड़सा आहर होते हुए सीधे गुफा मोड़ तक बनाया जाएगा। कुल 2.9 किलोमीटर लंबाई की यह सड़क हिसुआ बाजार को पूरी तरह बाईपास करेगी, जिससे स्थानीय निवासियों और यात्रियों को बदहाल ट्रैफिक की समस्या से बड़ी राहत मिलेगी।
कैबिनेट की हरी झंडी — नवादा जिला विकास के नए दौर में प्रवेश
राज्य कैबिनेट ने शनिवार को बिहार की कुल 13 सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिनमें नवादा जिले की दो महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी शामिल हैं। हिसुआ बाईपास इन्हीं में प्रमुख है। इस स्वीकृति से इलाके के लोगों में खुशी की लहर है। स्थानीय निवासी, व्यापारी, शिक्षण संस्थान, बस-ऑटो चालक सभी इसे नवादा जिले की सबसे बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हिसुआ में जाम की स्थिति इतनी भीषण होती है कि कुछ मिनट की दूरी तय करने में कभी-कभी 1–2 घंटे तक का समय लग जाता है। मुख्य सड़क संकरी होने और लगातार बढ़ते यातायात के कारण हिसुआ बाजार में हर दिन जाम लगना आम बात हो गई थी।
क्या है हिसुआ बाईपास परियोजना? — एक विस्तृत रिपोर्ट
- कुल लंबाई: 2.9 किलोमीटर
- कुल लागत: लगभग 100 करोड़ रुपये
- सड़क निर्माण लागत: करीब 33 करोड़ रुपये
- मार्ग: बोधगया–राजगीर फोरलेन → बगोदर गाँव → बगोदर आहर → उड़सा आहर → गुफा मोड़ → NH-82 से SH–8 (गया–नवादा रोड)
- भूमि अधिग्रहण: बहुत कम, इसलिए परियोजना तेज़ी से पूरी होगी
- मुख्य लाभ: जाम मुक्ति, तेज़ यात्रा, कम प्रदूषण, व्यापारिक विकास
जाम ने किया जीना मुश्किल — क्यों जरूरी था यह बाईपास
बीते कई वर्षों से हिसुआ शहर में जाम की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। हर सुबह स्कूल, कॉलेज और दफ्तर जाने वाले लोग घंटों जाम में फँसे रहते हैं। व्यापारियों, मरीजों और ग्रामीण क्षेत्रों से आने-जाने वाले लोगों को रोजाना जाम का सामना करना पड़ता है।
मुख्य कारण:
- मुख्य बाजार की सड़क बहुत संकरी
- दोनों तरफ़ अतिक्रमण
- भारी वाहनों का दबाव
- ऑटो-टेम्पो का अनियंत्रित संचालन
- राजगीर और गया जाने वाला अधिकांश ट्रैफिक शहर से होकर गुजरना
अक्सर देखा जाता है कि 500 मीटर की दूरी तय करने में 30–40 मिनट तक लग जाते हैं। इससे व्यापार और जनजीवन दोनों प्रभावित हो रहे थे।
बाईपास बनने के बाद क्या होगा बदलाव — फायदे एक नज़र में
- जाम से राहत: शहर के भीतर भारी वाहनों की आवाजाही रुकेगी।
- व्यापार को बल: बाजार में ग्राहक आवाजाही आसान होगी।
- यात्रा समय में कमी: नवादा से राजगीर या गया तक की यात्रा आसान होगी।
- दुर्घटनाओं में कमी: ट्रैफिक भीड़ कम होने से सुरक्षा बढ़ेगी।
- प्रदूषण घटेगा: ईंधन की खपत कम होगी और पर्यावरण को फायदा होगा।
- पर्यटन को बढ़ावा: बोधगया, नालंदा, राजगीर की ओर यात्रा सुगम होगी।
राजनीतिक और प्रशासनिक पहल
हिसुआ बाईपास परियोजना को आगे बढ़ाने में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भूमिका रही है। स्थानीय सांसद विवेक ठाकुर इस परियोजना को लंबे समय से आगे बढ़ाने में लगे थे। जिला प्रशासन ने स्थल निरीक्षण के बाद प्रस्ताव तैयार कर भेजा था। अब सरकार की मंजूरी के बाद जल्द ही निर्माण एजेंसी तय कर काम शुरू किया जाएगा।
जनता की प्रतिक्रिया — खुशी और उम्मीदों का माहौल
बाईपास की मंजूरी की खबर मिलते ही हिसुआ और आसपास के ग्रामीण इलाकों में लोगों ने राहत की सांस ली। स्थानीय व्यापारी और आम नागरिक बेहद खुश हैं।
“अब बच्चे समय से स्कूल पहुँचेंगे, व्यापार में तेजी आएगी और शहर की सूरत बदलेगी।” — स्थानीय निवासी
“हर दिन जाम में फँसकर परेशान हो जाते थे, अब उम्मीद है कि स्थिति सुधरेगी।” — व्यापारी संघ प्रतिनिधि
निर्माण गुणवत्ता और सुरक्षा पर रहेगा विशेष ध्यान
सड़क निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार बाईपास का निर्माण दो लेन के मानक पर किया जाएगा। भविष्य में यातायात बढ़ने पर इसे चार लेन तक अपग्रेड किया जा सकता है। इसमें आधुनिक ड्रेनेज, साइन बोर्ड, फुटपाथ और सुरक्षा बैरियर लगाए जाएंगे।
संभावित चुनौतियाँ और समाधान
- बरसात के दौरान निर्माण में देरी की संभावना
- भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में प्रशासन को सतर्क रहना होगा
- निर्माण के समय अस्थायी ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया जाएगा
विकास का नया अध्याय — नवादा के भविष्य की मजबूत राह
नवादा जिला अब विकास की नई पटरी पर दौड़ने को तैयार है। सड़क, शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में हो रहे कार्यों के बीच हिसुआ बाईपास जिले की पहचान को और मजबूत करेगा। यह परियोजना न सिर्फ हिसुआ बल्कि आसपास के गांवों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगी।
निष्कर्ष — हिसुआ बाईपास बनेगा विकास की धड़कन
हिसुआ बाईपास की मंजूरी नवादा जिले के लिए सिर्फ एक सड़क परियोजना नहीं, बल्कि विकास का नया द्वार है। यह शहर को जाम से मुक्त कर आर्थिक, सामाजिक और पर्यटन क्षेत्र में नई ऊर्जा भरेगा। लोगों को अब इंतजार है उस दिन का जब यह परियोजना धरातल पर उतरकर हिसुआ के लोगों की जिंदगी को आसान बना देगी।
— रिपोर्ट: S Bihar News 12 | Nawada News

