नवादा: कचरे के धुएं से परेशान नागरिकों ने किया सड़क जाम, नगर परिषद के खिलाफ जमकर नारेबाजी
SBIHARNEWS12, नवादा। गंदे कचरे को जलाने से उठने वाले जहरीले धुएं से परेशान होकर बुधवार को नागरिकों ने सिसवा मोड़ के पास सड़क जाम कर अपना विरोध दर्ज कराया। नाराज नागरिकों ने नवादा नगर परिषद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जिला प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग की।
कचरे के धुएं से बिगड़ रही है स्वास्थ्य स्थिति
सिसवा मोड़ के समीप नगर परिषद द्वारा लंबे समय से कचरा डंप किया जा रहा है और उसे जलाया जा रहा है, जिससे लगातार जहरीला धुआं निकलता रहता है। इसके कारण आसपास के नागरिकों का जीना दूभर हो गया है। डॉ. भीमराव आंबेडकर आवासीय विद्यालय की छात्राओं समेत खरीदी बीघा के दर्जनों बच्चों और बुजुर्गों के बीमार होने की शिकायत नागरिकों ने की।
स्थानीय निवासी मोहन कुमार और राजीव रंजन के नेतृत्व में हुए इस विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की अनदेखी के चलते यह समस्या विकराल रूप ले चुकी है। छह महीने से लोग इस घुटन भरे माहौल में रहने को मजबूर हैं, लेकिन नगर परिषद कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
नगर परिषद के अधिकारियों की मनमानी का आरोप
विरोध कर रहे नागरिकों का कहना है कि सरकार ने कचरा प्रबंधन के लिए कई योजनाएं लागू कर रखी हैं, लेकिन नगर परिषद के अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। कचरा फेंकने और जलाने की प्रक्रिया को रोकने के बजाय इसे जारी रखा गया है, जिससे इलाके में 24 घंटे प्रदूषण बना रहता है।
प्रशासन ने दी सफाई, आग बुझाने में लगे पांच घंटे
वहीं, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अजीत कुमार शर्मा ने इस मुद्दे पर सफाई दी। उन्होंने बताया कि नगर परिषद के वाटर टैंक और अग्निशामक वाहनों की मदद से आग बुझाई गई, जिसमें लगभग पांच घंटे लगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में नगर परिषद की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें सिटी मैनेजर, सहायक अभियंता और सफाई एजेंसी के संचालक मौजूद रहेंगे। इस बैठक में समस्या के स्थायी समाधान के लिए ठोस कदम उठाने पर विचार किया जाएगा।
नागरिकों ने की प्रशासन से ठोस कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि प्रशासनिक अधिकारी स्वयं इस इलाके का दौरा करें तो उन्हें पता चलेगा कि लोग कितनी कठिन परिस्थितियों में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि अगर जल्द इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो वे उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।