नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सश्रम सजा, कोर्ट ने दिया पीड़िता को मुआवजा — नवादा का मामला
नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के मोसमा गांव में वर्ष 2022 में एक नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में विशेष पॉक्सो कोर्ट ने शनिवार को सख्त फैसला सुनाते हुए आरोपी अधेड़ को 20 साल की सश्रम कारावास और ₹25,000 के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश मनीष द्विवेदी द्वारा सुनाया गया। दोषी करार दिया गया व्यक्ति सोहर यादव, उम्र लगभग 55 वर्ष, को भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत सजा दी गई है। अदालत ने साथ ही ₹25,000 का जुर्माना लगाने के साथ यह निर्देश दिया कि यह राशि पीड़िता को दी जाए। इसके अलावा, जिला विधिक सेवा प्राधिकार (DLSA) को यह सिफारिश भी की गई है कि पीड़िता के पुनर्वास और कल्याण हेतु उसे ₹5 लाख की सहायता राशि दी जाए। यह मामला 21 अगस्त 2022 का है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़िता अपने घर के बाहर थी, तभी गांव के अधेड़ उम्र के व्यक्ति सोहर यादव ने उसे झूठ बोलकर कहा कि उसके पिता ने उसे खेत पर बुलाया है। मासूम लड़की को विश्वास हो गया और वह उसके साथ चल पड़ी। लेकिन आरोपी उसे खेत न ले जाकर गांव के ही पास स्थित आहर (तालाब के पास) सुनसान जगह ले गया और वहीं उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। घटना से बुरी तरह डरी-सहमी पीड़िता किसी तरह घर पहुंची और अपनी आपबीती अपने माता-पिता को बताई। परिजन बिना देर किए वारिसलीगंज थाना पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। यह मामला थाना कांड संख्या 483/22 के रूप में दर्ज किया गया।
📌 पुलिस कार्रवाई
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू की और त्वरित कार्रवाई करते हुए सोहर यादव को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने सभी आवश्यक साक्ष्य एकत्र किए, पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करवाया गया, और जांच पूरी कर चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई।
📌 अदालत में सुनवाई
मामले की सुनवाई विशेष पॉक्सो न्यायालय, नवादा में चली। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक भोला पासवान ने मुकदमे की जोरदार पैरवी की। उन्होंने अदालत में पीड़िता, उसके पिता, मेडिकल ऑफिसर, जांच अधिकारी सहित गवाहों को प्रस्तुत किया।
गवाहों के बयान और मेडिकल साक्ष्यों से यह साबित हो गया कि आरोपी ने जानबूझकर नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर उसके साथ यौन शोषण किया।
📌 अदालत का निर्णय
सभी साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने सोहर यादव को दोषी ठहराते हुए कहा:
> "यह अपराध समाज में बच्चियों की सुरक्षा और भरोसे के खिलाफ है। आरोपी ने छलपूर्वक मासूम बच्ची को फंसाया और उसकी अस्मिता को रौंदा। अदालत ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरत सकती।"
इसके साथ ही विशेष न्यायाधीश मनीष द्विवेदी ने 20 साल का सश्रम कारावास, ₹25,000 का जुर्माना और पीड़िता को DLSA से ₹5 लाख मुआवजा की अनुशंसा की।
📌 सामाजिक प्रतिक्रिया
इस फैसले के बाद गांव सहित पूरे क्षेत्र में चर्चा का माहौल है। लोग न्यायालय के इस निर्णय की सराहना कर रहे हैं।
📌 क्यों अहम है यह फैसला?
बिहार समेत पूरे देश में नाबालिगों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। NCRB के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर घंटे एक बच्चा यौन हिंसा का शिकार होता है।
ऐसे में यह फैसला उदाहरण बन सकता है कि अगर पीड़ित परिवार साहस दिखाकर कानून का सहारा लें, तो न्याय मिलना तय है। विशेषकर जब पॉक्सो एक्ट जैसी सख्त विधि मौजूद हो, तब न्यायिक सक्रियता से समाज में विश्वास बहाल किया जा सकता है।
📍 रिपोर्टर: SBiharNews12
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प्रकाशन तिथि: 3 अगस्त 2025