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दिल दहला देने वाला हत्याकांड: पटना में लव अफेयर के कारण भाई-बहन की निर्मम हत्या।

 दिल दहला देने वाला हत्याकांड: पटना में लव अफेयर के कारण भाई-बहन की निर्मम हत्या, हत्यारों ने जलाकर देने की कोशिश की हादसे की शक्ल


पटना के जानीपुर थाना क्षेत्र में एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक सिरफिरे प्रेमी ने अपने दोस्त के साथ मिलकर प्रेम संबंध में बाधा बनने पर एक मासूम भाई-बहन की निर्ममता से हत्या कर दी। मृतक बच्चे हैं – अंजली (17 वर्ष) और उसका छोटा भाई अंश (13 वर्ष)।

इस डबल मर्डर केस ने न सिर्फ पूरे पटना को हिला कर रख दिया है, बल्कि पूरे बिहार में सनसनी फैला दी है।

हत्या की योजना और क्रूरता की इंतहा:

मुख्य आरोपी शुभम कुमार (19 वर्ष) और उसका सहयोगी रोशन कुमार को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जांच में सामने आया कि शुभम और मृतका अंजली के बीच स्कूल के समय से प्रेम संबंध थे। परिजनों के विरोध और दूरी के कारण दोनों अलग हो चुके थे।

हाल ही में शुभम को पता चला कि अंजली अब किसी और युवक से बात करती है। इस पर वह बौखला गया और अपने दोस्त रोशन के साथ मिलकर हत्या की पूर्वनियोजित साजिश रच डाली।

हत्याकांड की पूरी क्रोनोलॉजी:

1. शुभम ने एक दुकान से मिट्टी का तेल (किरोसीन) खरीदा।

2. वह सीधे अंजली के घर गया, यह जानते हुए कि माता-पिता काम पर गए हैं।

3. उस समय अंश सो रहा था। शुभम ने उसे ईंट से कुचलकर मौत के घाट उतार दिया।

4. इसके बाद अंजली की गला दबाकर हत्या कर दी।

5. दोनों शवों पर किरोसीन छिड़क कर आग लगा दी ताकि मामला हादसा लगे।

6. घटना को अंजाम देने के बाद घर का दरवाजा बाहर से बंद कर मौके से फरार हो गया।

घटना स्थल और लोगों की प्रतिक्रिया:

जब माता-पिता घर लौटे तो सामने जो दृश्य था, वह रूह कंपा देने वाला था – जलते हुए शव, धुएं से भरा घर, और बाहर चिल्लाते लोग। पड़ोसियों की मदद से आग बुझाई गई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि शुभम का पहले से उस घर में आना-जाना था। वह बच्चों के स्कूल और मां के काम के समय का पूरा अंदाजा रखता था।

पुलिस जांच और खुलासा:

पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि:

घटना की गंभीरता को देखते हुए SIT (विशेष जांच टीम) का गठन किया गया।

सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और स्थानीय जांच के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

शुभम ने हत्या की बात स्वीकार कर ली है और सारा जुर्म कबूल किया है।

मां-बाप का दर्द:

पीड़ित परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। मां बेहोश हो जा रही हैं, वहीं पिता बच्चों की तस्वीरें लेकर बैठ गए हैं।

एक पड़ोसी महिला ने कहा:

> “हमने सोचा शुभम परिवार जैसा था, लेकिन वो दरिंदा निकला...!”

सवाल जो उठते हैं:

क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्कूल-कॉलेजों में काउंसलिंग जरूरी नहीं?

एक 19 साल का युवक इतनी क्रूरता पर कैसे उतर आया?

क्या सोशल मीडिया और वर्चुअल रिश्तों की अति ने आज की पीढ़ी को असंवेदनशील बना दिया है?

स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन मांग कर रहे हैं कि इस घटना में आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चला कर सख्त से सख्त सज़ा दी जाए। साथ ही पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग दी जाए।पटना का यह हत्याकांड आज के युवा मनोविज्ञान और समाज में तेजी से पनप रही असंवेदनशीलता की एक भयावह मिसाल बन चुका है। प्रेम में असफल होना एक इंसान की जिंदगी का अंत नहीं है, लेकिन किसी और की जिंदगी छीन लेना एक जघन्य अपराध है — जिसे समाज और कानून किसी हाल में माफ नहीं कर सकता।


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